दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजकर आज पूछताछ के लिए बुलाया था. हालांकि, केजरीवाल आज ईडी के सामने पेश नहीं होंगे. उन्होंने ईडी को जवाब लिखकर जांच एजेंसी के नोटिस को राजनीति से प्रेरित और गैर कानूनी बताया. दरअसल, ईडी शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की जांच कर रही है. चर्चा है कि जांच एजेंसी ने केजरीवाल को तलब करने से पहले सबूतों को इकट्ठा किया है. इस मामले में जांच एजेंसी पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है.
क्या होगा ईडी का अगला कदम?
ईडी के समन पर सीएम केजरीवाल के कड़े जवाब के बाद अब चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि ईडी का अगला कदम क्या होगा? ईडी के दूसरा समन जारी करने की बात सामने आ रही है, लेकिन इसी के साथ गिरफ्तारी की चर्चा भी चल रही है. कहा जा रहा है कि सीएम अगर ईडी के सामने पेश नहीं होते हैं तो ईडी अपनी ताकत का इस्तेमाल कर सकती है. समन पर न पहुंचने पर क्या ईडी केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है? इन सवालों का जवाब ईडी की ताकत और उसे दिए गए अधिकारों में छिपा है.
क्या है ईडी, कैसे करती है काम?
ईडी, एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट या प्रवर्तन निदेशालय. यह वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एक सरकारी एजेंसी है, जिसे खासतौर पर वित्तीय गबन या धोखाधड़ी की जांच करने वाली एक केंद्रीय एजेंसी के तौर पर जाना जाता है. यही जांच इस निदेशालय का प्रमुख कार्य भी है. आजादी के बाद साल 1947 में, फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट (विदेशी मुद्रा नियमन कानून) बनाया गया था, जिसपर वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स का कंट्रोल था. साल 1956 में प्रवर्तन इकाई बनी. इसी में इकनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट बना. साल 1957 में इसका नाम बदलकर डायरेक्टोरेट ऑफ एनफोर्समेंट या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट रखा गया, जो ED कहलाने लगा. साल 1960 में ED को रेवेन्यू डिपार्टमेंट में शिफ्ट कर दिया गया और तब से यह उसी में काम कर रहा है.
कब सक्रिय होती है ईडी?
ईडी, फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (Fema) के तहत कार्रवाई करती है. इसके साथ ही आपराधिक श्रेणी वाले फाइनेंशियल फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले भी देख रही है. ईडी खािसतौर पर प्रीवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई करती है. साल 2018 जब सरकार ने देखा कि आर्थिक अपराधी काफी संख्या में देश से बाहर भाग रहे हैं तो फ्यूजिटिव ऑफेंडर एक्ट लाया गया, इसे भी ईडी के तहत रखा गया. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (FEMA. धन सोधन निवारण अधिनियम 2002 (PMLA). भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 (FEOA). FEMA के तहत ईडी फॉरेन एक्सचेंज नियमों के उल्लंघन की जांच करता है.
ईडी के पास अधिकार, कभी भी कर सकती है गिरफ्तार
एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ संपत्ति और उनके धन को जब्त करने-गिरफ्तारी करने के अधिकार हैं. ईडी गैरकानूनी वित्तीय कार्यों पर कार्रवाई कर सकती है. पीएमएलए के तहत ईडी को संपत्ति जब्त करने, छापा मारने और गिरफ्तारी का अधिकार है. ईडी की ताकत अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि एजेंसी पूछताछ के बिना भी संपत्ति जब्त कर सकती है.
हेमंत सोरेन को तो पांच बार भेजा है ईडी ने नोटिस
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने अब तक पांच बार समन भेज दिया है, लेकिन वह अभी तक पेश नहीं हुए हैं. बल्कि जब सोरेन को 14 अगस्त का समन भेजा गया था तो उन्होंने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. रांची भूमि घोटाला में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी सीएम सोरेन को बार-बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुला रही है, लेकिन वह इसे गैर कानूनी बताते हुए हाजिर नहीं हो रहे है. हेमंत सोरेन ने झारखंड हाई कोर्ट से इस ईडी के बार-बार समन भेजने को कष्टकारी कहा था, और इस पर रोक लगाने का आग्रह किया था. असल में पहले वह सुप्रीम कोर्ट चले गए थे, लेकिन वहां उनसे हाई कोर्ट में अपील करने को कहा गया था. उन्होंने कोर्ट में बताया था कि उन्हें केंद्र के इशारे पर ईडी परेशान कर रही है. पहले उन्होंने ईडी को जांच में सहयोग किया था और ईडी कार्यालय गए भी थे. उन्होंने ईडी को अपने आय-व्यय का पूरा ब्यौरा भी सौंपा था. इसके बावजूद ईडी उन्हें दूसरे-दूसरे मामलों में समन कर परेशान कर रही है.
…जब सुप्रीम कोर्ट से पड़ी ईडी को फटकार
इस एक सबहेड से ये तो साफ हो गया है कि ईडी के अधिकार जरूर बड़े हैं, लेकिन असीमित नहीं. उसकी भी अपनी एक सीमा है. बीते अक्टूबर के शुरुआती हफ्ते में एक केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से ईडी को फटकार भी पड़ी थी. जस्टिस एएस बोपन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने अपने एक अहम फैसले में यह भी टिप्पणी की था कि ED यह उम्मीद नहीं पाल सकती है कि जिस आरोपी को समन जारी किया गया है वह अपने गुनाह को कबूल कर ले. ED यह नहीं उम्मीद लगा सकती है कि पूछताछ के दौरान आरोपी अपना बयान उसके सामने दर्ज करा दे. अगर समन के बावजूद कोई आरोपी सहयोग नहीं कर रहा है तो आरोपी को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.
कोर्ट ने कहा था कि अगर आरोपी ED के सवालों का जवाब नहीं दे रहा है तो यह अपने आप में पर्याप्त नहीं है कि उसे धारा-19 के तहत गिरफ्तार कर लिया जाए. PMLA की धारा-19 में प्रावधान है कि अधिकारी को यह विश्वास होना चाहिए कि आरोपी अपराध में संलिप्त है. मौजूदा मामले में ED ने कहा कि आरोपी ने इस मामले में जो जवाब दिया वह स्पष्ट नहीं था.
नया समन जारी कर सकती है ईडी
इस तरह ये तो साफ है कि ईडी सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन इसके आसार आज नहीं दिख रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें अगला समन भेजा जा सकता है, लेकिन गिरफ्तारी तुरंत ही संभव नहीं लगती. सूत्रों के मुताबिक, सामने आया है कि केजरीवाल के इनकार करने के बाद ईडी उन्हें नया समन जारी कर पूछताछ के लिए आगे की तारीख दे सकती है. दरअसल, अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान का आज मध्य प्रदेश के सिंगरौली में रोड शो है. सीएम केजरीवाल ने ईडी के समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताया है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी के कहने पर इस नोटिस को भेजा गया है. नोटिस इसलिए भेजा गया ताकि मैं चार राज्यों में चुनाव प्रचार न कर पाऊं. ईडी को अपना नोटिस तुरंत वापस लेना चाहिए.
मुझे क्यों भेजा गया है नोटिसः सीएम केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा, “यह साफ नहीं है कि आपने मुझे किस नाते समन भेजा है, एक गवाह के तौर पर या फिर संदिग्ध के तौर पर, समन में डिटेल भी नहीं दी गई. यह भी नहीं बताया गया कि मुझे व्यक्तिगत तौर पर बुलाया गया है या फिर मुख्यमंत्री के तौर पर या फिर आम आदमी पार्टी के मुखिया के तौर पर. जिस दिन ED द्वारा समन जारी किया गया उसी दिन भाजपा नेताओं ने बयान देना शुरू किया कि मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.”
आगामी दिवाली तक मैं व्यस्तः सीएम
उन्होंने कहा, “मेरी छवि को खराब करने के लिए 30 अक्टूबर की शाम को भाजपा नेताओं को ED का समन लीक किया गया. 30 अक्टूबर की दोपहर मनोज तिवारी भाजपा सांसद में बयान दिया था कि मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक हूं और पांच राज्यों में चुनाव होने हैं जहां प्रचार करने के लिए मैं स्टार प्रचारक हूं. मुझे इन राज्यों में यात्रा करनी है और अपने कार्यकर्ताओं को राजनीतिक मार्गदर्शन देना है. मुझ पर प्रशासनिक और आधिकारिक जिम्मेदारियां हैं जिसके लिए मेरी उपस्थिति आगामी दिवाली के दौरान भी आवश्यक है. केजरीवाल ने ED से समन वापस लेने की मांग की है. इसके साथ ही समन को राजनीति से प्रेरित नोटिस बताया.”