राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने महाकाल के आंगन में लगाई झाड़ू, दिया स्वच्छता परमो धर्म का संदेश

उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन आना भाग्य है और यहां स्वच्छताकर्मियों का सम्मान करना मेरा सौभाग्य। स्वच्छता मित्रों को पूरे देश की ओर से मैं धन्यवाद देती और प्रणाम करती हूं। ये अग्रिम पंक्ति के योद्धा हैं। इन्हें आज सम्मानित कर मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं।

जब यह बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को उज्जैन में आयोजित स्वच्छता मित्रों के सम्मान समारोह में कही, तो कुछ आंखें भावुक होकर बरस पड़ीं, तो कुछ चेहरे खुशी और गर्व से भर गए। ये आंखें और चेहरे उनके थे, जो दशकों से सफाई के काम में जुटे हैं। राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होकर उन्हें लगा जैसे सदियों का दर्द दूर हो गया हो।
दो दिवसीय दौरे पर मध्य प्रदेश पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार सुबह इंदौर स्थित रेसीडेंसी में कदंब का पौधा रोपा और फिर महाकाल के दर्शन-पूजन करने उज्जैन पहुंचीं। वहां स्वच्छता मित्रों का सम्मान कर इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन रोड निर्माण का भूमिपूजन किया।

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर जाकर विधि विधान से पूजन-अभिषेक किया। राष्ट्रपति ने श्री महाकाल महालोक में स्थापित होने वाली मूर्तियों के शिल्पकारों से चर्चा कर उनकी प्रशंसा की। सीएम मोहन यादव ने मूर्तिकारों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की।

स्वच्छता में मप्र ने किया कमाल, इंदौर अद्भुत

स्वच्छता मित्रों के सम्मान समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने जनसेवा की शुरुआत स्वच्छता कार्य से ही की थी। मैं नगर परिषद में उपाध्यक्ष थी, तब वार्डों में जाती और सफाई का निरीक्षण करती। अब देश में सफाई के प्रति बदलाव देख खुशी महसूस होती है।

स्वच्छ भारत मिशन से बच्चों की मृत्यु दर में कमी आई है। स्वच्छता में मध्य प्रदेश ने बहुत अच्छा काम किया है। इंदौर तो अद्भुत है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मैं स्वच्छता मित्रों को प्रणाम करता हूं। वे देवताओं के रूप हैं। स्वच्छ अभियान सात रेटिंग का है।

एक रेटिंग पाने वाले शहर के सभी स्वच्छता कर्मियों को एक-एक हजार रुपये, दो रेटिंग वालों को दो-दो हजार, इस तरह रेटिंग के अनुसार पुरस्कार दिए जाएंगे। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने स्वच्छता मित्रों से कहा कि हम आपके आभारी हैं कि आप देश-प्रदेश को स्वच्छ रखते हैं।

देश की उन्नति के लिए किया पूजन

महाकाल मंदिर आगमन पर वेदपाठी बटुकों ने स्वस्तिवाचन व शंख की मंगल ध्वनि से राष्ट्रपति की अगवानी की। शुभ वाद्य यंत्रों की मनोरम ध्वनि सुन राष्ट्रपति मुग्ध हो गईं। मंदिर में फूलों से सुंदर सजावट की गई थी। उन्होंने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पंचामृत अभिषेक पूजन कर देश में सुख-समृद्धि की कामना से भगवान को ब्रह्म कमल चढ़ाया। राष्ट्रपति के साथ उनकी बेटी इतिश्री मुर्मु भी थीं। राष्ट्रपति ने नंदी मंडपम में बैठकर ध्यान लगाया। पश्चात मुख्यमंत्री व राज्यपाल ने राष्ट्रपति को रुद्राक्ष की माला, प्रसाद तथा प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।

इंदौर में विद्यार्थियों को किया सम्मानित

उज्जैन से इंदौर पहुंचकर राष्ट्रपति देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षा समारोह में शामिल हुईं। यहां उन्होंने विद्यार्थियों को 107 स्वर्ण व रजत पदक प्रदान किए। वहीं 147 शोधार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। समारोह में विद्यार्थी व शोधार्थियों ने गर्व के साथ पारंपरिक भारतीय वेशभूषा धारण की। समारेाह के पश्चात राष्ट्रपति झारखंड के लिए रवाना हो गईं।

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