नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 66% हिस्सेदारी रखने वाले टाटा ट्रस्ट्स के नए चेयरमैन की घोषणा हो गई है। दिवंगत रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को यह जिम्मेदारी दी गई है। 67 साल के नोएल पहले से ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट में ट्रस्टी हैं। माना जा रहा था कि उन्हें रतन टाटा का उत्तराधिकारी बनाया जाएगा और ट्रस्ट्स ने आज इस पर मुहर लगा दी। नोएल की पहचान एक ऐसे शख्स के रूप में है जिसे सुर्खियों से दूर रहकर चुपचाप अपना काम करना पसंद है।
नोएल टाटा का जन्म 1957 में नवल टाटा और सिमोन टाटा के घर हुआ था। उन्होंने यूके में ससेक्स विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में फ्रांस में दुनिया के शीर्ष बिजनेस स्कूलों में से एक INSEAD में प्रतिष्ठित इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम में हिस्सा लिया। उन्होंने टाटा ग्रुप में टाटा इंटरनेशनल में अपनी पेशेवर यात्रा शुरू की। यह कंपनी विदेशों में टाटा के बिजनस को देखती है। जून 1999 में उन्हें टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट में एमडी बनाया गया। इस कंपनी की स्थापना मूल रूप से उनकी मां सिमोन टाटा ने की थी।
ट्रेंट को बुलंदियों पर पहुंचाया
ट्रेंट को बुलंदियों पर पहुंचाने का श्रेय नोएल टाटा को जाता है। आज इस कंपनी का मार्केट कैप 2,93,275.38 करोड़ रुपये है। इससे टाटा ग्रुप के भीतर नोएल का प्रभाव और कद बढ़ गया। साल 2003 में वह टाइटन इंडस्ट्रीज और वोल्टास के बोर्ड में शामिल हो गए। 2010 में उन्हें टाटा इंटरनेशनल का एमडी नियुक्त किया गया। तब यह अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि उन्हें टाटा ग्रुप के प्रमुख के रूप में रतन टाटा का उत्तराधिकारी बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। लेकिन 2011 में टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाने की घोषणा की। साइरस मिस्त्री की बहन आलू मिस्त्री की शादी नोएल टाटा से हुई है।
इस निर्णय ने कई लोगों को चौंका दिया लेकिन नोएल चुपचाप अपना काम करते रहे। साल 2016 में मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया गया और रतन टाटा कुछ समय के लिए अंतरिम चेयरमैन के रूप में वापस आ गए। इस बीच एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमैन बना दिया गया। नोएल को 2018 में सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में नियुक्त किया गया था। रतन टाटा के निधन के बाद अब उन्हें टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन बनाया गया है। लेकिन वह टाटा संस के चेयरमैन नहीं बन सकते हैं।
परिवार और नेटवर्थ
इसकी वजह यह है कि साल 2022 में टाटा संस बोर्ड ने सर्वसम्मति से अपने आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में संशोधन किया था। इसके मुताबिक एक ही व्यक्ति इन दो पदों पर नहीं रह सकता है। रतन टाटा एक साथ टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन और टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस का पद संभालने वाले आखिरी शख्स थे।यानी नोएल टाटा अब टाटा संस के चेयरमैन नहीं बन सकते हैं। इसके लिए उन्हें टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन की कुर्सी छोड़नी होगी।
नोएल और आलू के तीन बच्चे हैं- माया, नेविल और लीह। नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा 2016 में ट्रेंट में शामिल हुए और हाल ही में स्टार बाजार के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। नोएल टाटा की बेटियां भी टाटा ग्रुप की कंपनियों में शामिल हैं। 39 वर्षीय लीह टाटा को हाल ही में इंडियन होटल्स में गेटवे ब्रांड का प्रभार दिया गया। वहीं 36 साल की माया टाटा की एनालिटिक्स और तकनीक में दिलचस्पी है। वह टाटा डिजिटल में काम करती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नोएल टाटा की नेटवर्थ $1.5 अरब यानी करीब 12,455 करोड़ रुपये है।