झुग्गियों में खत्म नहीं हो रहे 2000 के नोट:भोपाल में रोज नोट बदलवा रहीं 200 महिलाएं; आरबीआई में इनके लिए लाइन भी अलग

देश में 19 मई 2023 को 2 हजार के नोट चलन से बाहर करने का ऐलान किया गया था। इन्हें 30 सितंबर 2023 तक बैंक में बदलवाया जा सकता था। इसके बाद आरबीआई की चुनिंदा शाखाओं में नोट बदलवा सकते हैं। लेकिन भोपाल में आरबीआई बिल्डिंग के पीछे स्थित राजीव नगर बस्ती में ये नोट खत्म ही नहीं हाे रहे। दाे हजार रुपए के नोट बदलवाने के लिए संगठित गिरोह काम कर रहा है।

यहां रोजाना 200 महिला-पुरुष 2 हजार के नोट बदलवाने के लिए घंटों लाइन में लगते हैं। गिरोह के लोग सुबह 7 से 9 बजे के बीच बस्ती वालों को 2-2 हजार के 10 नोट उपलब्ध कराते हैं। मिलीभगत ऐसी कि नोट बदलवाने के लिए बस्ती वाले अपने आधार की फोटो कॉपी लेकर लाइन में लगते हैं। इनके लिए लाइन भी अलग होती है।

10 नोट एक्सचेंज कराने के बदले इन्हें दो सौ रुपए मिलते हैं। कुल 20 हजार रुपए (2 हजार के नोट) लेकर ये आरबीआई जाते हैं। यहां इन्हें 15 हजार रुपए (500 के नोट) दिए जाते हैं। बाकी के 5 हजार रुपए 2-2 रुपए के सिक्के के रूप में दिए जाते हैं।

बस्ती वाले यह पैसे राजीव नगर में संचालित दो दुकानों पर जमा करते हैं। फिर इन्हें बोरियों में भरकर लोडिंग ऑटो की मदद से बैरागढ़, रेतघाट, अशोका गार्डन सहित अलग-अलग इलाकों में पहुंचा दिया जाता है। बड़े कारोबारियों की ब्लैक मनी को ये एजेंट एक साल से व्हाइट करने में जुटे हुए हैं।

एजेंट को रोज 40 लाख रुपए बदलवाने का टारगेट भास्कर रिपोर्टर ने तीन महीने इन लोगों पर नजर रखी। यहां भरी बरसात में भी बस्ती वालों की भीड़ नोट बदलवाने के लिए लाइनों में घंटों खड़ी रही। अक्टूबर 2023 से नोट बदलवाने वाला ​गिरोह लगातार सक्रिय है। गिरोह के एजेंट को रोज 40 लाख रुपए बदलवाने का टारगेट मिलता है।

रोज 40 लाख जमा, हर महिला को 200 रुपए कमीशन दो हजार रुपए के नोट बदलने आने वाले बस्ती के इन लोगों के लिए आरबीआई में अलग लाइन है। हर रोज 40 लाख रुपए (2 हजार के नोट) जमा कराए जा रहे हैं। इसमें हर महिला को दो सौ रुपए कमीशन मिलता है। आरबीआई में नोट बदलवाकर बाहर निकलने वाले ज्यादातर लोग सिर और हाथों पर सिक्कों के पैकेट लिए बस्ती में ही पहुंचते हैं।

रोज नोट बदलने वालों से कोई पूछताछ नहीं होती आरबीआई से लगी हुई इस बस्ती के आसपास सीसीटीवी कैमरों की निगरानी है। 24 घंटे चारों कोनों पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती भी रहती है। इसके बाद भी रोज नोट बदलने वालों से कोई पूछताछ नहीं होती। आरबीआई में जाते ही सुरक्षा टीम मोबाइल फोन बंद करा देती है। ऐसे में इसमें पुलिस और इंटेलिजेंस की मिलीभगत की भी आशंका है।
रोज 300 टोकन बंटते हैं, 200 बस्ती वालों के लिए आरबीआई के मुख्य एंट्री गेट पर रोज नोट बदलवाने वालों को 300 टोकन बांटे जाते हैं। खास बात ये है कि इनमें 200 टोकन तो बस्ती वालों के लिए ही रिजर्व रहते हैं। यह बात खुद गिरोह के प्रमुख एजेंट बता रहे हैं।

टीकमगढ़ तक से आ रहे नोट, ब्लैक मनी की रकम प्रदेश के बड़े कारोबारियों के पास अब भी करोड़ों रुपए ब्लैक मनी के रूप में दबे हैं। ये इसी बस्ती के गिरोह की मदद से इन्हें बदल रहे हैं। भास्कर की पड़ताल में पता चला कि यहां टीकमगढ़ तक से नोट आ रहे हैं।

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