‘अतीत में जी रहा PAK’ शहबाज शरीफ को इंडिया का कड़ा जवाब- आपका तो दुनिया में कोई नहीं देता साथ

भारत की ओर से यूएनजीए में पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर का राग अलागपने पर कड़ा जवाब दिया गया है. शुक्रवार (27 सितंबर) को भारत ने राइट टू रिप्लाई में कहा कि पाकिस्तान अभी भी अतीत में जी रहा है और वह कश्मीर के मामले पर अलग-थलग पड़ा हुआ है. दुनिया का कोई भी देश उसका समर्थन नहीं करता है. 

सरकारी सूत्रों ने इस बारे में एबीपी न्यूज को जानकारी दी कि भारत की ओर से वहां कहा गया कि यहां तक कि कश्मीरी भी विकास और लोकतंत्र के पक्ष में मतदान कर रहे हैं. पाकिस्तान जितनी जल्दी जमीनी हकीकत को स्वीकार कर लेगा, पाकिस्तान के भविष्य के लिए उतना ही बेहतर होगा.

पाक पीएम ने किया कश्मीर का जिक्र

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यूएनजीए में संबोधन के दौरान फिलिस्तीन और जम्मू कश्मीर के मुद्दे का जिक्र किया. शहबाज शरीफ ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में है. शहबाज शरीफ ने भारत के आंतरिक मामलों में भी इस दौरान दखल की कोशिश की. इसके साथ ही भारत पर कई झूठे और बेबुनियाद आरोप भी लगाए.

कश्मीर के विशेष दर्जे पर की बात

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आर्टिकल 370 का जिक्र करते हुए कहा, ‘जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा भारत सरकार को लौटाना चाहिए जिसे अगस्त 2019 में छीना गया था. भारत लगातार कश्मीरियों के हकों को छीनने पर अमादा है. कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में है इसलिए भारत आर्टिकल 370 हटाने जैसा निर्णय नहीं ले सकता. कश्मीर के डेमोग्राफिक स्ट्रक्चर को भी भारत बदलने की कोशिशें कर रहा है. जम्मू कश्मीर के क्षेत्र में गैरस्थानीय लोगों को बसाया जा रहा है जिसकी पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है. भारतीय दमन के बावजूद भी कश्मीर के लोग बुरहान वानी की विचारधारा को कायम रखे हुए हैं.’

इजरायल गाजा युद्ध पर क्या कहा?

शहबाज शरीफ ने इजरायल-गाजा युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि गाजा में नरसंहार को तत्काल रोका जाए. इसके साथ ही शरीफ ने इजरायल की कार्रवाई और हमलों को भी नरसंहार बताया. वो बोले, ‘गाजा के लोगों की मौजूदा स्थिति परेशान करने वाली है. ये त्रासदी अब रुक जानी चाहिए. आज दुनिया कठिन चुनौतियों से गुजर रही है. इजरायल का गाजा में नरसंहार, रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध, आतंकवाद में फिर से तेजी, गरीबी का बढ़ना और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे एक बड़ी समस्या हैं.’

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