इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में बोलते हुए भारत की सैन्य ताकत की ओर दुनिया का ध्यान दिलाते हुए अपनी चिंता जाहिर की है। शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत अपनी सैन्य ताकत लगातार बढ़ा रहा है और उनको डर है कि इसका इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जा सकता है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सामने अपने डर का इजहार करते हुए इस ओर ध्यान देने की अपील की।
शरीफ ने कहा, ‘सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि भारत अपनी सैन्य क्षमताओं के बड़े पैमाने पर बढ़ाने में लगा हुआ है। ये निश्चित रूप से रूप से पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल की जाएगी। सैन्य विस्तार के सिद्धांतों मे एक आश्चर्यजनक हमले और एक सीमित युद्ध की परिकल्पना की गई है। ऐसे में विश्व इस ओर देखे।’
भारत दे रहा है हमले की धमकी: शरीफ
पाकिस्तान के पीएम ने आगे कहा कि भारत ने बिना सोचे-समझे आपसी रणनीतिक संयम के पाकिस्तान के प्रस्तावों को ठुकरा दिया। ये ठीक नहीं है, वहीं भारत सरकार की ओर से अक्सर नियंत्रण रेखा पार करने और पीओके पर कब्जा करने की धमकी दी जा रही है। मैं स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान किसी भी भारतीय आक्रमण के खिलाफ मजबूती से जवाब देगा।
शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत सरकार कश्मीर में जो कर रही है, उसकी पाकिस्तान निंदा करता है। उन्होंने कहा कि भारत ने कश्मीर में शांति की ओर बढ़ने के बजाय जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धताओं से कदम खींच लिए हैं। सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए जनमत संग्रह का आदेश देते हैं।
‘कश्मीर में मुसलमानों को अल्पसंख्यक बनाने की कोशिश’
शहबाज शरीफ ने कहा कि कहा कि 5 अगस्त, 2019 को भारत ने करीब 9 लाख सैनिकों को तैनातक करते हुए कर्फ्यू जारी कर अपनी मनमानी की। अब भारत सरकार कश्मीरियों की जमीनों और संपत्तियों को जब्त कर रही है। ये मुस्लिमों को कश्मीर में बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक में बदलने की कोशिश है। इस डिजाइन के लिए बाहरी लोगों को जम्मू और कश्मीर में बसाया जा रहा है लेकिन कश्मीरी लोग इस थोपी हुई पहचान को नहीं मानेंगे।