हिमाचल प्रदेश के संजौली में शिमला पुलिस ने बुधवार को मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग पर लाठीचार्ज किया. यही नहीं, प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. इससे अब स्थानीय व्यापारी खासे नाराज हैं. इसी के विरोध में स्थानीय व्यापारियों ने सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक दुकान बंद रखने का फैसला लिया है. शिमला व्यापार मंडल के तहत आने वाली शहर में सभी दुकानें बंद रहेंगी. इसके अलावा संजौली उपनगर में भी दुकान बंद करने का फैसला लिया गया है.
क्या कहते हैं स्थानीय व्यापारी?
शिमला व्यापार मंडल के संजीव ठाकुर ने कहा कि बुधवार को पुलिस ने बार-बार तरीके से प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. यह प्रदर्शनकारी सिर्फ अपनी मांग रखने के लिए वहां पहुंचे थे, लेकिन बावजूद इसके इन पर लाठियां बरसाई गईं. यहां बुजुर्गों और महिलाओं का भी लिहाज नहीं रखा गया. इसी के विरोध में अब शिमला व्यापार मंडल ने बाजार बंद रखने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि इसके जरिए शिमला के व्यापारी अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं.
शिमला के एसपी संजीव गांधी ने क्या कहा?
इस मामले को लेकर शिमला के एसपी संजीव गांधी ने कहा, “हमने सभी से अपील की थी कि शांति बनाए रखी जाए. BNSS की धारा 163 के तहत प्रावधान लागू किए गए. हमने उन लोगों के साथ भी बैठक की जो इस मामले में हितधारक होने का दावा करते हैं. उन्होंने आश्वासन दिया था कि सब कुछ शांतिपूर्ण होगा, लेकिन कल सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और बैरिकेड्स तोड़े गए.”
संजीव गांधी ने कहा, “पहले से ही योजनाबद्ध तरीके से पथराव हुआ. पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. हमने कानून के तहत काम किया. कानून के परिणाम आएंगे. शांति तुरंत बहाल हो गई. नागरिक अपने दैनिक जीवन में व्यस्त हैं. हम दोहराते हैं कि हम सभी को संविधान और कानून पर भरोसा रखना चाहिए. पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इसकी जांच होगी.”
बुधवार को हुआ लाठीचार्ज
बता दें कि बुधवार को संजौली में ढली टनल से आगे बढ़ने के बाद जैसे ही भीड़ मस्जिद के करीब 200 मीटर की दूरी पर पहुंची, तो यहां बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती थी. पहले तो पुलिस जवानों ने लोगों को यहां से खदेड़ने की कोशिश की, लेकिन वे इसमें सफल नहीं रहे.
इसके बाद यहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया. लाठीचार्ज से भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की गई. लाठीचार्ज में करीब सात लोग बुरी तरह घायल हुए. इनमें राजू ठाकुर सबसे गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. धक्कामुक्की और पथराव के दौरान छह पुलिस जवान भी घायल हुए हैं.