पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने INDIA गठबंधन और राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाया है। भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “INDIA गठबंधन का कोई भी नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व पर भरोसा नहीं करता है।” उन्होंने आरोप लगाया कि INDIA गठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति है। उन्होंने कहा, “कभी अखिलेश यादव कहते हैं कि वह नेता हैं, कभी ममता बनर्जी कहती हैं कि वह नेता हैं और कभी स्टालिन कहते हैं। लेकिन सभी एक स्वर में कहते हैं कि राहुल गांधी नेता नहीं हैं।”
भंडारी ने आगे कहा कि भाजपा राहुल गांधी को ‘बालक बुद्धि’ नहीं कहती, बल्कि यह INDIA गठबंधन के नेता ही हैं जो इस तरह के विचार रखते हैं।
ममता बनर्जी का बयान
यह बयान ममता बनर्जी की टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने गठबंधन के भीतर नेतृत्व की स्पष्टता पर जोर दिया। ममता बनर्जी ने कहा था कि INDIA गठबंधन को एक समन्वित और सक्षम नेतृत्व की आवश्यकता है, जो चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर काम कर सके। उन्होंने बंगाली समाचार चैनल न्यूज 18 बांग्ला के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैंने इंडिया गठबंधन का गठन किया था। अब इसे प्रबंधित करना मोर्चे का नेतृत्व करने वालों पर निर्भर है। अगर वे यह नहीं कर सकते तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं बस यही कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है।’’
यह पूछे जाने पर कि एक मजबूत भाजपा विरोधी ताकत के रूप में अपनी साख को देखते हुए वह गठबंधन का प्रभार क्यों नहीं ले रही हैं, ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘यदि अवसर दिया गया तो मैं इसका सुचारू संचालन सुनिश्चित करूंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं इसे यहां से संचालित कर सकती हूं।’’
आपको बता दें कि प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी को ‘राजनीतिक फ्लेयर’ बताते हुए कहा कि उनका नेतृत्व गठबंधन के भीतर स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा, “INDIA गठबंधन राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर एकमत नहीं है। यह स्पष्ट दिखता है।”
राहुल गांधी और INDIA गठबंधन पर भाजपा के इस तंज ने आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक बहस को और तीखा कर दिया है। गठबंधन के नेता भले ही सार्वजनिक रूप से एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन भाजपा का दावा है कि भीतरखाने असहमति की स्थिति बनी हुई है। अब यह देखना होगा कि INDIA गठबंधन इस आलोचना का कैसे जवाब देता है और क्या वह नेतृत्व को लेकर स्पष्टता प्रदान कर पाएगा