मौजूदा समय में मालदीव गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. मालदीव के मौद्रिक प्राधिकरण के मुताबिक, देश का आधिकारिक डॉलर पिछले एक दशक में सबसे निचले स्तर पर चला गया है. मालदीव की सरकार बीते माह ही विदेशी मुद्रा भंडार से 113 मिलियन डॉलर की राशि निकाल चुकी है. एक्सपर्ट ने बताया कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की गलत नीतियों की वजह से मालदीव गरीब हो गया है. मुइज्जू को चीन परस्त नेता माना जाता है. राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने चीन के समर्थन वाली नीतियों को लागू किया और भारत को अपना दुश्मन बनाने पर तुले रहे.
मालदीव के मौद्रक प्राधिकरण की ओर से बताया है कि जुलाई माह के अंत तक मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार 395 मिलियन डॉलर था, जबकि जून माह के अंत में यह राशि 509 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी. प्राधिकरण की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, फरवरी 2014 के बाद से मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार इतना कम कभी नहीं हुआ. कुल रिजर्व में बदलाव के साथ ही मौजूदा समय के विदेशी रिजर्व में कमी आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने तक उपयोग किए जाने वाला रिजर्व 43 मिलियन डॉलर था, जबकि यह राशि मालदीव के एक महीने में होने वाले कुल निर्यात के लिए काफी कम है.
कंगाली को छिपाने में लगा मालदीव
एक्सपर्ट का कहना है कि मालदीव की सरकार अपनी कंगाली को जनता से छुपाने में लगी है. सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की गई है. मालदीव की सरकार कंगाली को छिपाने और जानकारी सार्वजनिक न हो इसके लिए पूरी ताकत लगा रही है. मालदीव के वित्त मंत्रालय ने हाल ही संसद की लोक लेखा समिति से बंद कमरे में बैठक का अनुरोध किया था. इस बैठक में सरकार की मध्यम अवधि की राजकोषीय और ऋण नीति पर चर्चा होनी थी.