‘कुछ खिलाया, फिर क्या हुआ मुझे नहीं पता…’ बोलकर माता-पिता के साथ चली गई युवती, युवक ने पत्नी बताकर दायर की थी याचिका

ग्वालियर: हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के समक्ष बुधवार को एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका मुरैना के रहने वाले व्यापारी गगन मित्तल ने लगाई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसकी पत्नी को अवैध रूप से कस्टड़ी में रखा गया है उसे मुक्त करवा कर याचिकाकर्ता को सौंप दिया जाए।

याचिका में बताया गया था कि याचिकाकर्ता के साथ उस युवती ने आर्य समाज मंदिर में शादी की थी। वही युवती के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करवा दी। पुलिस ने युवती को दस्तयाब कर परिजनों को सौंप दिया। याचिका की सुनवाई के दौरान जब युवती को बुधवार को हाई कोर्ट में पेश किया गया। तो उसने याचिकाकर्ता के दावों को सिरे से नकार दिया।

युवती ने कोर्ट को बताया कि वो जिस स्कूल में पढ़ाती है, याचिकाकर्ता उस स्कूल के प्राचार्य का दोस्त है। उसकी दोस्ती युवती के ासाथ टूर के दौरान हुई। युवक ने उसे कुछ खिला दिया था उसके बाद क्या हुआ उसे कुछ नहीं पता। कोर्ट ने पूछा कि युवती किसके साथ रहना चाहती है तो युवती ने अपने माता पिता के साथ रहने की बात कही। इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका को विड्रा कर लिया।

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