IMF के सामने पाकिस्तान ने टेक दिए घुटने, पाकिस्तानी जनता की कमर तोड़ देगी शहबाज शरीफ की ये डील

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने खुद को कंगाली से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने घुटने टेक दिए हैं। इस समझौते के बाद पाकिस्तान की जनता के ऊपर भारी बोझ पड़ने वाला है। पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष 7 अरब डॉलर के विस्तारित निधि सुविधा (EFF) कार्यक्रम के लिए स्टाफ स्तर के समझौते पर पहुंच गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ ने तीन साल राहत पैकेज कार्यक्रम के बारे में तभी घोषणा की जब पाकिस्तान ने उसकी सभी प्रमुख मांगों को मानने पर सहमति जताई। आईएमएफ की मांगों में पाकिस्तानी जनता को कोई रियायती सुविधा न देना शामिल है।

पाकिस्तान ने आईएमएम के सामने पाकिस्तान संप्रभु धन कोष के मामलों में पारदर्शिता लाने और विशेष निवेश सुविधा परिषद द्वारा संचालित परियोजनाओं को कोई तरजीही उपचार देना बंद करने पर सहमति व्यक्त की। पाकिस्तान की संघीय और प्रांतीय सरकारें अपने खर्च को 18वें संवैधानिक संशोधन के अनुरूप करने के लिए एक नए राजकोषीय समझौते पर भी हस्ताक्षर करेंगी।

कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी बाकी

आईएमएफ ने अपने बयान में कहा है कि, ‘पाकिस्तानी अधिकारी और आईएमएफ टीम पाकिस्तान की संघीय और प्रांतीय सरकारों द्वारा समर्थित एक व्यापक कार्यक्रम पर एक कर्मचारी-स्तरीय समझौते पर पहुंच गए हैं, जिसे लगभग 7 अरब डॉलर के 37 महीने की विस्तारित निधि व्यवस्था द्वारा समर्थित किया जा सकता है। यह समझौता आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी के अधीन है।’ आईएमएफ की एक टीम ने 10 से 13 मई तक पाकिस्तान का दौरा किया था

पाकिस्तान ने लगाया भारी टैक्स

बयान के अनुसार, पाकिस्तान को अगले तीन वर्षों में यह धन प्राप्त होगा यदि वह वर्तमान सरकार द्वारा फंड के साथ किए गए वादों पर खरा उतरता है। इनमें देश में सभी पर कर लगाने और राज्य के अपने संगठनों का निजीकरण करने के उपाय शामिल हैं। पाकिस्तान के 24वें ऋण कार्यक्रम के लिए शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने 1.7 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक के नए टैक्स लगाए हैं, जिसका सबसे ज्यादा असर गरीब और मध्य आय वर्ग पर पड़ने वाला है। पाकिस्तान की सरकार ने घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से 580 अरब रुपये अतिरिक्त वसूलने के लिए बिजली की कीमतों में 7.12 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि की है।

शहबाज शरीफ ने कहा है आखिरी कर्ज

पाकिस्तान ने 8.2 बिलियन डॉलर का ऋण पैकेज मांगा था, लेकिन आईएमएफ ने लगभग 7 बिलियन डॉलर के ऋण पर सहमत हो गया और इसका वितरण 37 महीनों में फैला होगा। यह पाकिस्तान द्वारा अब तक हस्ताक्षरित 24वां कार्यक्रम है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर वादा किया है कि यह ‘आखिरी कार्यक्रम’ होगा। आईएमएफ मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर ने कहा कि नए कार्यक्रम का उद्देश्य व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने और मजबूत, अधिक समावेशी और लचीले विकास के लिए स्थितियां बनाने के पाकिस्तान के प्रयासों का समर्थन करना है।

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