केंद्र सरकार से मंजूरी मिली, 37 करोड़ से खरीदी जाएंगी फारेंसिक मोबाइल यूनिट

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंड़पीठ में शुक्रवार को हाई कोर्ट की पहल पर चलाई जा रही नशा तस्करी को जड़ से खत्म करने की मुहिम में एक याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें नारकोटिक्स विभाग के डीएसपी संतोष हाड़ा और पुलिस प्रशिक्षण केंद्र तिघरा से एसआइ सतीश वर्मा मौजूद रहे। डीएसपी हाड़ा ने सुनवाई के दौरान अपना जवाब पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने उन्हें फोरेंसिक मोबाइल यूनिट खरीदने के लिए लगभग 37 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।

इससे 55 जिलों के लिए वाहन में फिट की गई फोरेंसिक मोबाइल यूनिट मुहैया करवाई जाएगी। इससे किसी भी स्थान पर मादक पदार्थ पकड़ा जाने पर तत्काल प्रभाव से उसकी जांच की जा सकेगी। हाई कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि इन यूनिटों को शीघ्र ही खरीद लिया जाए और क्रियान्वयन शुरू कर दिया जाए। हाई कोर्ट ने कहा कि यह यूनिट नशा तस्करी के मामलों में जांच के लिए बेहद उपयोगी साबित होंगी ।

जमानत याचिका से शुरू हुआ था मामला

यह पूरा मामला एक नशा तस्करी के मामले में लगी जमानत याचिका से शुरू हुआ था। इसमें अब हाई कोर्ट के साथ नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सेंट्रल ब्यूरो आफ नाकोर्टिक्स और डीआरडीओ के अधिकारी सहित अन्य अधिकारी शामिल हो चुके हैं। इस याचिका में कोई मादक पदार्थ बरामद होने पर उसके उपज के स्त्रोत का पता लगाने, उपज के क्षेत्र का पता लगाने, नशा तस्करी के सरगना तक पहुंचने और ड्रग डीएनए टेस्टिंग पर विशेष रूप से चर्चा हो रही है।

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