आतंकी निज्जर के लिए कनाडा की संसद में एक मिनट का मौन, अब भारत भी देगा माकूल जवाब, ‘1985 बमबारी’ के मृतकों को दी जाएगी श्रद्धांजलि

कनाडा में मंगलवार को संसद में आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के लिए एक मिनट का मौन रखा गया है. इस बीच, भारत ने भी कनाडा को माकूल जवाब देने का ऐलान कर दिया है. अब भारत भी कनाडा को उसी अंदाज में जवाब देने जा रहा है. रविवार (23 जून) को कनिष्क बम धमाके में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी.

दरअसल, सालभर पहले कनाडा के सरे में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. ये घटना ब्रिटिश कोलंबिया के गुरुद्वारे के बाहर हुई थी. निज्जर हत्याकांड में कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे. निज्जर की मौत को एक साल पूरा हो गया है. मंगलवार को कनाडा की संसद में उसकी बरसी मनाई गई. संसद ने हाउस ऑफ कॉमन्स में एक मिनट का मौन रखा. 

इधर, भारत ने भी कनाडा को जवाब देने की तैयारी कर ली है. वैंकूवर में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने ऐलान किया है कि वो ‘1985 बमबारी’ के मृतकों को मेमोरियल सर्विस देगा. 1985 में एयर इंडिया कनिष्क एयरक्राफ्ट पर खालिस्तानी हमला हुआ था. बमबारी में 329 लोग मारे गए थे. अब इन मृतकों के सम्मान में एक मेमोरियल सर्विस दी जाएगी. ये मेमोरियल सर्विस 23 जून की शाम 6:30 बजे स्टेनली पार्क के सेपरली प्लेग्राउंड क्षेत्र में आयोजित होगी. श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने का अनुमान है

क्या होती है मेमोरियल सर्विस

मेमोरियल सर्विस एक ऐसा समारोह है जो मारे गए लोगों के सम्मान में आयोजित किया जाता है. इस अवसर पर उन्हें याद किया जाता है और उनका सम्मान करता है. श्रद्धांजलि दी जाती है. मेमोरियल सर्विस अक्सर मौत के कुछ सप्ताह या महीनों बाद भी होती है.

भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने एक्स पर लिखा, भारत आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने में सबसे आगे है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करता है. 23 जून 2024 को एअर इंडिया 182 (कनिष्क) की उड़ान पर कायरतापूर्ण आतंकवादी बमबारी की 39वीं वर्षगांठ है. ये नागरिक उड्डयन के इतिहास में सबसे जघन्य आतंक-संबंधी हवाई आपदाओं में से एक है. इस घटना में 86 बच्चों समेत 329 निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी.

निज्जर हत्याकांड के बाद राजनयिक रिश्ते बिगड़े?

निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख था. पिछले साल 18 जून को कनाडा के सरे में निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. निज्जर का नाम भारत सरकार द्वारा 40 अन्य ‘नामित आतंकवादियों’ की लिस्ट में शामिल था. निज्जर की हत्या का आरोप करण बराड़, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह समेत चार भारतीय नागरिकों पर है.

निज्जर हत्याकांड में कनाडा ने भारत सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए थे. तनातनी के बीच दोनों देशों के राजनयिक रिश्ते भी बिगड़ गए थे और द्विपक्षीय संबंधों पर भी संकट आ गया है. हालांकि, इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली में G7 शिखर सम्मेलन में पहुंचे तो उन्होंने वहां अपने कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की थी. बैठक के बारे में ट्रूडो ने कहा था कि वो आर्थिक संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा समेत नई सरकार के साथ जुड़ने का एक अवसर देखते हैं.

कौन था हरदीप सिंह निज्जर?

1997 में निज्जर फर्जी पासपोर्ट लेकर कनाडा गया था. वहां उसके शरणार्थी दावे को खारिज कर दिया गया था, जिसके बाद उसने वहां एक स्थानीय महिला से शादी की. लेकिन यह दांव भी उसके काम नहीं आया और उसका इमीग्रेशन का दावा भी खारिज कर दिया गया. हालांकि, मौत के तुरंत बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में उसे कनाडाई नागरिक कहकर संबोधित किया था.

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, निज्जर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन केटीएफ का प्रमुख था और सक्रिय रूप से लोगों की भर्तियां और ट्रेनिंग दे रहा था. वो अलगाववादी संगठन सिख ऑफ जस्टिस का भी हिस्सा था. उसने 10 सितंबर को खालिस्तान जनमत संग्रह कराया था. पिछले कुछ वर्षों में भारत ने कई बार निज्जर की गतिविधियों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की. 2018 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को निज्जर के नाम के साथ वांछित व्यक्तियों की एक सूची दी थी.

2022 में,पंजाब पुलिस ने निज्जर के प्रत्यर्पण की मांग की थी. वो पंजाब में आतंकवाद फैलाने के मामलों में वांछित चल रहा था. वो 2017 के लुधियाना विस्फोट समेत विभिन्न मामलों में वांछित था, जिसमें छह लोगों की जान चली गई और 42 घायल हो गए थे. इससे पहले पंजाब पुलिस ने पटियाला में एक मंदिर के पास बम विस्फोट में कथित भूमिका के लिए निज्जर के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

 

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