नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष दावा किया कि उसके पास दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘गंभीर’ आर्थिक अपराधों से जोड़ने के लिए ‘पर्याप्त सबूत’ हैं. ईडी ने यह दलीलें शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दी.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा को बताया कि उसके पास केजरीवाल के खिलाफ कई सबूत हैं. केजरीवाल के वकील हरिहरन ने कहा कि ED के जवाब की कॉपी हमें थोड़ी देर पहले ही मिली है. इससे हमे आपत्ति है. इस पर कोर्ट ने भी कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है. इस पर ED की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एवी राजू ने कहा कि हमारे पास केजरीवाल के अलावा और भी मामले हैं. केजरीवाल की वकील ने मांग कि मामले की सुनवाई वेकेशन बेंच के सामने हो. न्यायाधीश ने आवेदन पर आगे की दलीलों के लिए मामले को 14 जून के लिए टला दिया.
ईडी ने दावा किया है कि आवेदक को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जोड़ने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सबूत हैं और जमानत पर केजरीवाल के बाहर आने से मल्टी लेयर साजिश का पता लगाने के लिए आगे की जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. ईडी ने आरोप लगया कि वह गंभीर आर्थिक अपराधों में शामिल है. कोर्ट ने रविवार को मामले में केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. कोर्ट ने यह आदेश तब पारित किया था, जब तिहाड़ जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया गया था.
न्यायाधीश ने 20 मई को ईडी द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश पारित किया, जब केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें दी गई अंतरिम जमानत पर बाहर थे. अदालत ने 5 जून को आप के राष्ट्रीय संयोजक की चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था.
ईडी ने कोर्ट में केजरीवाल की जमानत याचिका के क्या-क्या दलीलें दी
1- पीएमएलए मामलों में जमानत आवेदन पर पीएमएलए की धारा 45 में निर्धारित अनिवार्य दोहरी शर्तों के आधार पर फैसला लिया जाना आवश्यक है और जब तक ऐसी शर्तें पूरी नहीं हो जातीं, जमानत नहीं दी जा सकती.
2- अरविंद केजरीवाल निश्चित रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री है और इसलिए एक अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति हैं. इस तथ्य के साथ कि उन पर एक गंभीर आर्थिक अपराध करने का आरोप है और उनके द्वारा सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता है.
3- इस मामले में अपराध से हासिल आय और अलग अलग व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है.
4- अपराध की आय का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है. यदि केजरीवाल को जमानत पर रिहा किया जाता है तो इस मामले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत नष्ट होने की पूरी सम्भावना है.
5- अरविंद केजरीवाल गंभीर आर्थिक अपराध करने में शामिल है. इस मामले में उनके खिलाफ ऐसे सबूत है जिससे वो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ते है और अगर उनको जमानत दी जाती है तो इस गहरी साजिश का पता लगाने के लिए आगे की जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
6- ईडी एक प्रभावी और निष्पक्ष जांच करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है.मौजूदा मामले में कुछ प्रमुख पहलुओं पर जांच बेहद अहम चरण में है.
7- इस बात की पूरी संभावना है कि केजरीवाल जमानत पर छूटे तो जांच में बाधा डाल सकते है.
8- हालांकि व्यक्तिगत स्वतंत्रता सर्वोपरि है, लेकिन यह पूर्ण नहीं है बल्कि राज्य और जनता के हित सहित उचित प्रतिबंधों के अधीन है.
9- इस मामले में अरविंद को व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ AAP के प्रमुख के रूप में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था और AAP को भी आरोपी बनाया गया है.
10- केजरीवाल नवंबर 2021 में ग्रैन्ड हयात, गोवा में अपने प्रवास और कार्यक्रम को बुक करने के लिए पीओसी (अपराध की आय) का उपयोग किया.
11- केजरीवाल का विजय नायर के साथ घनिष्ठ संबंध और यह तथ्य कि विजय नायर केजरीवाल के निर्देशों पर काम कर रहे थे, ये गवाहों के बयानों सहित कई तथ्यों से स्पष्ट है.
12- विजय नायर को इस पूरे घोटाले के केंद्र में पाया गया है, नीति निर्माण से लेकर, रिश्वत की मांग करना और उसके बाद उसका ट्रांसफर रिश्वत देने वालों को बदले में लाभ की व्यवस्था करना शामिल है.
13- विजय नायर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी और मीडिया प्रभारी हैं और दिल्ली सरकार में उनकी कोई आधिकारिक भूमिका नहीं है. विजय नायर ने साजिश को अंजाम देने के लिए साउथ ग्रुप के सदस्यों के साथ कई बैठकें कीं.
14- मौजूदा मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल ईडी द्वारा 9 बार समन किये जाने के बावजूद जांच अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं होकर पूछताछ से बच रहे थे.
15- यहां तक कि तलाशी की दौरान पूछताछ में बयान दर्ज करते समय, वह टाल-मटोल कर सवालों के जवाब देने से बच रहे थे.
16- केजरीवाल ने अभी तक अपने फोन का पासवर्ड भी नहीं बताया है जिसमें महत्वपूर्ण साक्ष्य हो सकते हैं.
17- केजरीवाल ने अंतरिम जमानत पर रहते हुए सुप्रीम कोर्ट के 10 मई 2024 के आदेश में लगाई गई शर्तों का भी उल्लंघन किया है. अदालत ने केजरीवाल को चल रहे इस मामले में उसकी भूमिका पर टिप्पणी करने से स्पष्ट रूप से रोक लगाई थी. लेकिन उन्होंने मामले को झूठा, मनगढ़ंत और एक साजिश बताते हुए कई साक्षात्कार, भाषण, प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस शर्त का खुलेआम उल्लंघन किया है.
18- ईडी ने अपने जवाब मे कहा है कि अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.