बीजिंग: नेपाल में चीनी राजदूत चेन सोंग ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का वीडियो ट्वीट कर जमकर तारीफ की है। चेन सोंग ने अपने ट्वीट में लिखा, “यह बहुत कड़ा संदेश है।” दरअसल इस वीडियो ने एस जयशंकर अमेरिका के प्रभुत्व को लेकर कड़ा संदेश देते हुए दिखाई दे रहे हैं। जयशंकर ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रभुत्व, जो शीत युद्ध की समाप्ति के बाद शुरू हुआ, प्रभावी रूप से समाप्त हो गया है।” यही कारण है कि चीन को जयशंकर का यह बयान इतना ज्यादा पसंद आया है। चीन भी शुरू से अमेरिकी प्रभुत्व के खिलाफ बोलता आया है।
जयशंकर ने वैश्विक समस्याओं को गिनाया
जयशंकर ने एक इंटरव्यू में कहा, उन्होंने कहा, “आज यूक्रेन में युद्ध हो रहा है, गाजा में संघर्ष के हालात हैं, लाल सागर और अरब सागर में हमले हो रहे हैं, दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में तनाव की स्थिति है, विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में आतंकवाद है, हमारे सामने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ समस्या है, लेकिन अन्य देशों के भी चीन के साथ अपने अलग मुद्दे हैं।” उन्होंने कहा कि इन सबके साथ अमेरिका का दबदबा भी कम हो रहा है।
अमेरिका के रवैये में आया बदलाव: जयशंकर
जयशंकर ने कहा, “अमेरिका आज भी दुनिया की प्रमुख महाशक्ति है। लेकिन कई कारणों से, आप कह सकते हैं कि अमेरिका और पायदान पर उसके बाद खड़ी महाशक्तियां पहले की तुलना में उसके काफी करीब पहुंच गई हैं। दुनिया को लेकर अमेरिका के रवैये में भी बदलाव आया है।” विदेश मंत्री ने यह भी तर्क दिया कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास क्रम में पिछले 25 वर्षों में वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप एक भौगोलिक क्षेत्र में विनिर्माण और प्रौद्योगिकी केंद्रित हो गई है जबकि कई देशों की क्षमताएं कमजोर पड़ गई हैं।
विनिर्माण के नए ठिकानें तलाश रही दुनिया
उन्होंने कहा कि इन दोनों पर ही प्रतिक्रिया सामने आ रही है और दुनियाभर के देशों ने विनिर्माण के और अधिक केंद्रों तथा अधिक आपूर्ति शृंखलाएं निर्मित करने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। जयशंकर ने कहा, “इसका एक पहलू वास्तव में वैश्विक अर्थव्यवस्था में विविधता लाने वाला है, जबकि दूसरा है कि कई अर्थव्यवस्थाओं में अर्थव्यवस्था के खोखले होने के कारण आज अपनी नौकरियों को बचाने की इच्छा है। मैं कहूंगा कि वे वैश्वीकरण के इस तरह के एक बहुत ही त्रुटिपूर्ण मॉडल के सामाजिक परिणामों को देख रहे हैं। यह एक बहुत बड़ा कारक बनता जा रहा है।”
हरित और स्वच्छ प्रौद्योगिकी की बढ़ रही मांग
विदेश मंत्री ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, चिप, ड्रोन, विद्युत चालित वाहन, बैटरी, हरित और स्वच्छ प्रौद्योगिकी जैसी नई तकनीकों के ‘अत्यधिक प्रभाव’ को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “वैश्विक व्यवस्था दरअसल संक्रमण काल में है। यह पांच या 10 प्रतिशत का सूक्ष्म क्रमिक बदलाव नहीं है। हम दरअसल बहुत बड़ी उथल-पुथल की बात कर रहे हैं।”