खालिस्तान की पैरवी करने वाले पीएम जस्टिन ट्रूडो को जोर का झटका लगा है। खालिस्तान समर्थक एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने ही ट्रूडो की टेंशन बढ़ा दी है। एनडीपी ने ट्रूडो सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
एनडीपी पार्टी ने बुधवार दोपहर सोशल मीडिया पर एक वीडियो में यह घोषणा की है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल सरकार के साथ किए गए समझौते को एनडीपी पार्टी ने समाप्त करने का फैसला कर लिया है।
एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने आरोप लगाया है ट्रूडो सरकार कॉर्पोरेट की लालच में आ चुकी है। NDP के नेता जगमीत सिंह ने 2022 में ट्रूडो (Canadian Prime Minister) के साथ किए गए समझौते को रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा कि उनका धैर्य अब खत्म हो गया है।
एनडीपी ने समर्थन क्यों लिया वापस?
दरअसल, कनाडा में खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर एनडीपी पार्टी चिंतित है। जगमीत सिंह की पार्टी का मानना है कि पीएम ट्रूडो कनाडा के लोगों की भलाई के बजाय कॉर्पोरेट को फायदा पहुंचा रहे हैं। लिबर्ल्स पार्टी ने जनता को धोखा दिया है।
गिर सकती है ट्रूडो सरकार: सर्वे
एनडीपी के समर्थन वापस लेने के मतलब है कि अगर संसद में विश्वास मत की जरूरत हुई तो ट्रूडो को विपक्षी दलों पर निर्भर होना होगा। यदि इस परिस्थिति में चुनाव होते हैं तो हालिया सर्वे के मुताबिक, ट्रूडो की लिबरल पार्टी की सरकार को हार का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि कनाडा में अगले साल चुनाव है। जस्टिन ट्रूडो साल 2015 से ही कनाडा के प्रधानमंत्री बने हुए हैं।
जस्टिन ट्रूडो ने क्या कहा?
एनडीपी के इस फैसले पर पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि एनडीपी को इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि वो कनाडावासियों की भलाई के लिए क्या कर सकती है। ट्रूडो ने कहा कि उम्मीद है कि उनकी सरकार फार्माकेयर, दंत चिकित्सा और स्कूल कार्यक्रमों पर फोकस करेगी।