अब हाई कोर्ट भवन का विस्तार: आठ गुना बड़ी होगी नई बिल्डिंग, 31 नए कोर्टरूम बनेंगे, अभी संख्या है सिर्फ 12

मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच के भवन का विस्तार होने जा रहा है। विजन 2047 को ध्यान में रखते हुए इसकी प्लानिंग की गई है। इसे हाई कोर्ट एनेक्सी बिल्डिंग का नाम दिया गया है। वर्तमान भवन का लगभग 10 हजार वर्ग मीटर बिल्टअप एरिया है। अब तक की गई प्लानिंग के अनुसार एनेक्सी भवन का बिल्टअप एरिया लगभग 87 हजार वर्ग मीटर रहेगा। इसके लिए राज्य शासन ने लगभग 406 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं।

इस भवन के निर्माण के बाद ग्वालियर हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में 31 नए कोर्टरूम मिल जाएंगे, जबकि अभी यहां कुल 12 कोर्ट रूम हैं। नया भवन पूर्णरूप से वातानुकूलित होगा और परिसर में फायर फाइटिंग सिस्टम की भी सुविधा होगा। यहां बता दें कि एनेक्सी बिल्डिंग के संबंध में मप्र हाई कोर्ट की ओर से प्रस्ताव कुछ समय पहले राज्य शासन को स्वीकृति के लिए भेजा गया था। 10 मार्च को नवीन जिला न्यायालय भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस रवि मलिमठ ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से प्रस्ताव को जल्द से जल्द स्वीकृत करने का आग्रह किया था। 15 दिन के भीतर इस प्रोजेक्ट के लिए राशि स्वीकार कर ली गई। अगले माह एनेक्सी बिल्डिंग के भूमिपूजन की भी संभावना जताई जा रही है। प्लानिंग के अनुसार नवीन भवन दस मंजिला होगा। इसमें कार्यालय, एडवोकेट्स के लिए हाल, लाइब्रेरी, रिकॉर्ड रूम सहित अन्य सुविधाएं होंगी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इस प्रोजेक्ट से जुड़ा काम करने से पहले पीआईयू को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
नई व्यवस्था में महाधिवक्ता कार्यालय को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। मुख्य बिल्डिंग और महाधिवक्ता कार्यालय को प्रथम तल पर बनाए गए पुल से कनेक्ट किया गया है। नई व्यवस्था में दोनों भवन को और बेहतर तरीके से कनेक्टिविटी प्रदान की तैयारी है। हाई कोर्ट परिसर स्थित स्टेट बार काउंसिल का भवन जमींदोज होगा। वकीलों के चेंबर के लिए स्टेट बार काउंसिल को महलगांव की तरफ स्थित लगभग 29 हजार वर्गफीट जमीन देने की योजना है। काउंसिल के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया ने बताया कि अभी जो बिल्डिंग बनी है, उसका क्षेत्रफल लगभग 11 हजार वर्गफीट है। इसमें लगभग 94 चेंबर हैं , जबकि हम नए भवन में 500 चेंबर तैयार करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इसके लिए फंडिंग करना बड़ी चुनौती होगी।

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