जिले के लिए इस बार मानसून मेहरबान रहा है। जिले के सभी बांध और तालाब भर चुके हैं। मामा के बांध से शहर के वीरपुर बांध में पानी की शिफ्टिंग शुरू कर दी गई है। तिघरा बांध का गेट तीसरी बार मंगलवार को खोलना पड़ा। तिघरा का सुबह जल स्तर 739.25 फीट पर पहुंचने पर फिर एक गेट खोला गया। दोपहर बाद तेज बारिश से पानी का स्तर बढ़ने पर रात में 3 गेट खोल दिए गए। रायपुर बांध भी फुल है। बड़े बांधों में आलापुर बांध में लीकेज के कारण पानी नहीं रुकने से भर नहीं सका।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 15 टूटे तालाबों में बारिश का पानी बह गया। जिले में 128 बांध व तालाब हैं। इनमें 11 बड़े बांध हैं जिनसे नहर से पानी दिया जाता है। जिले के बांध व तालाब लबालब होने की स्थिति 32 साल बाद बनी है। रात में तेज बरसात की संभावना को देखते हुए एसडीओ वीरेंद्र यादव टीम के साथ तिघरा बांध की निगरानी कर रहे हैं। उधर जिले के मामा का बांध, रायपुर बांध भी फुल हो गए हैं। मामा के बांध से पानी को नहर के माध्यम से वीरपुर में शिफ्ट किया जा रहा है। वीरपुर से हनुमान बांध में पानी शिफ्ट किया जाएगा।
हनुमान बांध 6 फीट खाली, वीरपुर बांध से भरा जाएगा रायपुर और मामा का बांध फुल है। अब मामा के बांध से पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे वीरपुर बांध भी भर गया है। वीरपुर के फुल होने पर हनुमान बांध में पानी की शिफ्टिंग की जाएगी। 16 फीट की क्षमता वाले हनुमान बांध 6 फीट खाली है। वीरपुर से पानी की शिफ्टिंग होने पर यह भी फुल हो जाएगा।
पानी ने बांधों से अतिक्रमण हटाकर लिया कब्जा शहर के अंदर वीरपुर बांध व हनुमान बांध के अंदर के अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन राजनीतिक दबाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा था। प्रशासन अतिक्रमण कारियों की सूची बनाने के अलावा उन्हें हटने के लिए उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी राजनीतिक दबाव में कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा था। बांध में पानी ने अतिक्रमणकारियों को हटाकर बांध में अपना कब्जा ले लिया है।