लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी तैयारियों में जुट चुकी है. बीते एक महीने में बीजेपी की केंद्रीय कार्यसमिति ने उम्मीदवारों के चुनाव के लिए गाइडलाइन बनाने पर काम किया है और ये गाइडलाइन अब लगभग तैयार हो चुकी है. बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस बार ऐसे सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं जो लगातार तीन बार या उससे अधिक बार से सांसद का टिकट हासिल करते आ रहे हैं. बीजेपी इस बार नए चेहरों को भी मौका देना चाहती है. बहुत संभावना है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही लोकसभा चुनाव के कैंडिडेट की सूची जारी करेगी. यानी सबसे कमजोर सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान सबसे पहले किया जाएगा.
बात यदि मध्यप्रदेश की करें तो यहां पर 7 सीटें ऐसी चिन्हित की गई हैं जहां पर बीजेपी के सांसदों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर माना गया है. ये सीटें हैं भोपाल, सागर, रीवा, ग्वालियर, खरगोन, उज्जैन, राजगढ़. वहीं छिंदवाड़ा, मुरैना, भिंड, मंडला जैसी सीटों पर बीजेपी को विधानसभा चुनाव में उतनी अधिक सफलता नहीं मिली, जितनी उम्मीद बीजेपी ने की थी. बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इन सीटों पर भाजपा इस बार नए चेहरों को मौका देने पर विचार कर रही है. वहीं ऐसे सांसद जो लगातार तीन बार से चुने जा रहे हैं, उनको भी बीजेपी इस बार साइडलाइन कर सकती है, इसे लेकर बीजेपी के अंदर मंथन भी जारी है. बीजेपी की पूरी कोशिश मध्यप्रदेश में नई लीडरशिप तैयार करके देने की है.
बीजेपी से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि फरवरी महीने में ही भाजपा मध्यप्रदेश में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर देगी. मध्यप्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं और इनमें से शुरूआती तौर पर लगभग 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भाजपा जारी कर सकती है, क्योंकि इन 11 सीटों को बीजेपी ने कमजोर सीटों की श्रेणी में रखा है.
छिंदवाड़ा पर पैनी नजर, बीजेपी के इन दिग्गजों को भी बड़ी आस
लोकसभा चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश में पूरी बीजेपी की पैनी नजर जिस सीट पर लगी हुई है, वह सीट है छिंदवाड़ा सीट. यह सीट लंबे समय से कांग्रेस के पास है. पहले कमलनाथ, फिर उनकी पत्नी अलकानाथ और वर्तमान में नकुलनाथ इस सीट से सांसद चुने जा रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में जब मोदी लहर में बड़े-बड़े दिग्गज अपना चुनाव हार गए थे तो ऐसी लहर में भी छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस के नकुलनाथ सांसद चुन लिए गए थे. जाहिर है कि छिंदवाड़ा सीट को अपने पाले में लाना बीजेपी के लिए अब नाक का सवाल बन चुका है. बहुत संभावना है कि बीजेपी सबसे पहला उम्मीदवार छिंदवाड़ा सीट पर ही घोषित कर सकती है.
वहीं बात यदि बीजेपी के दिग्गज नेताओं की करें तो जिन दिग्गजों को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है या चुनाव जीतने के बाद भी बीजेपी ने उनको मध्यप्रदेश में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है, ऐसे दिग्गजों को भी बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से उम्मीद है कि वे लोकसभा चुनाव में उनका ध्यान रख सकते हैं. ये दिग्गज हैं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दतिया विधानसभा सीट से चुनाव हार चुके राज्य के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, रहली विधानसभा सीट से लगातार 9 बार से चुने जा रहे गोपाल भार्गव सहित कुछ अन्य सीनियर लीडर हैं जिन्हें उम्मीद है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में उनको मौका देकर कोई बड़ी जिम्मेदारी केंद्र में दे सकती है.