नई दिल्ली. क्या लोकसभा चुनाव के आगामी 16 अप्रैल को होने की संभावना है? दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय (सीईओ) ने मंगलवार को इससे साफ तौर पर इनकार किया है. दिल्ली सीईओ की तरफ से किए गए एक ट्वीट में कहा गया है, “दिल्ली चुनाव आयोग की तरफ से जारी एक सर्कुलर के संदर्भ में मीडिया से कुछ सवाल आ रहे हैं, जिसमें यह पूछा जा रहा है कि क्या 16 अप्रैल, 2024 लोकसभा चुनाव की संभावित तारीख है.”
सीईओ ने आगे कहा, “यह स्पष्ट किया जाता है कि इस तारीख का उल्लेख केवल अधिकारियों के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के चुनाव योजना के अनुसार गतिविधियों की योजना बनाने के ‘संदर्भ’ के लिए किया गया था.”
इस बीच, निर्वाचन आयोग ने कहा है कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने की स्थिति में उसे नई ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) खरीदने के लिए प्रत्येक 15 वर्ष में करीब 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी.
सरकार को भेजे गए एक पत्र में, आयोग ने कहा कि ईवीएम के उपयोग की अवधि 15 साल है और यदि ‘एक साथ चुनाव’ कराए जाते हैं तो मशीनों के एक सेट का उपयोग उनके इस्तेमाल की इस अवधि के दौरान तीन बार चुनाव कराने के लिए ही किया जा सकता है.
अनुमान के मुताबिक, इस साल लोकसभा चुनाव के लिए देशभर में कुल 11.80 लाख मतदान केंद्र बनाने की आवश्यकता होगी. लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने के दौरान, प्रत्येक मतदान केंद्र पर ईवीएम के दो सेट की आवश्यकता होगी–एक, लोकसभा सीट के लिए और दूसरा, विधानसभा सीट के लिए.
आयोग ने सरकार को भेजे गए पत्र में पूर्व के अनुभवों के आधार पर कहा है कि मतदान के दिन विभिन्न स्तर पर त्रुटिपूर्ण इकाइयों को बदलने के लिए कुछ प्रतिशत ‘कंट्रोल यूनिट’ (सीयू), ‘बैलट यूनिट’ (बीयू) और ‘वोटर-वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) मशीनों की आवश्यकता होती है.
इस संबंध में एक ईवीएम के साथ कम से कम एक बीयू, एक सीयू और एक वीवीपैट मशीन की जरूरत होती है. आयोग ने पिछले साल फरवरी में कानून मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में कहा था कि विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, एक साथ मतदान के वास्ते आवश्यक न्यूनतम ईवीएम और वीवीपैट के लिए 46,75,100 बीयू, 33,63,300 सीयू और 36,62,600 वीवीपैट होने चाहिए.