केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंबेडकर विवाद पर कांग्रेस पर पलटवार किया है और कहा है कि कांग्रेस ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आंबेडकर विरोधी, आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने न केवल सावरकर जी का अपमान किया बल्कि, आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की भी धज्जियां उड़ा दी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया।
आंबेडकर विवाद के बाद विपक्ष के निशाने पर आए अमित शाह ने पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दशकों तक देश पर शासन किया और इस दौरान न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया। शाह ने कहा कि कांग्रेस ने सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत भी उसके ही शासनकाल में हुई।
शाह ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि बाबा साहब के न रहने के बाद भी कांग्रेस ने कभी बाबा साहब को इज्जत नहीं दी। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू की किताब का उल्लेख करते हुए कहा कि नेहरू जी की किताबों में लिखा है कि उन्होंने कभी बाबा साहब को सही जगह नहीं दी। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब को भारत रत्न नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारों ने अपने नेताओं को भारत रत्न दिया लेकिन 1990 तक सुनिश्चित किया कि आंबेडकर जी को भारत रत्न न मिले। उन्होंने कहा कि जब तक कांग्रेस सत्ता में रही बाबा साहेब आंबेडकर का कोई स्मारक नहीं बना। जहां-जहां विपक्ष की सरकारें आती गईं, स्मारक बनते गए।
शाह ने कहा कि कांग्रेस फर्जी खबरें फैलाती है। उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान भी कांग्रेस ने AI का इस्तेमाल कर उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के एडिटेड वीडियो प्रसारित किए। शाह ने कहा कि मैं उस पार्टी से आता हूं, जिसने जनसंघ और फिर भाजपा बनकर हमेशा से आंबेडकर जी का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि वह आंबेडकर जी के खिलाफ कभी नहीं बोल सकते।
शाह ने कहा, “मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी से भी ये कहना चाहता हूं कि आपको कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास का समर्थन नहीं करना चाहिए था। मुझे बहुत दुख है कि राहुल गांधी के दबाव में आप भी इसमें शामिल हो गए हैं।” उन्होंने मीडिया से भी इस बावत अनुरोध किया और कहा, “मैं मीडिया से भी अनुरोध करना चाहता हूं कि वह मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखें। मैं उस पार्टी से हूं जो अंबेडकर जी का कभी अपमान नहीं कर सकती। पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है।”