दक्षिण के राज्यों में परिसीमन के बाद क्या घट जाएगी लोकसभा सीटें? सरकार ने दिया ये जवाब

आगामी लोकसभा चुनाव कराने को लेकर तैयार‍ियां की जा रही है. साथ ही इस साल केंद्र सरकार जनगणना कराने का काम भी करेगी. यह जनगणना लोकसभा चुनाव के बाद की जाएगी. इस जनगणना (Census) के आधार पर ही 2026 के बाद लोकसभा सीटों का पर‍िसीमन (Lok Sabha Seat Delimitation) क‍िया जाएगा. इस परि‍सीमन के दौरान दक्ष‍िण के 5 राज्‍यों की उन सभी च‍िंताओं का भी खास ख्‍याल रखा जाएगा ज‍िससे क‍ि जनसंख्‍या के आधार पर होने वाले नए परिसीमन में उनको नुकसान नहीं हो.    

केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने मंगलवार (2 जनवरी) को आश्वस्त किया कि 5 राज्यों पर इस प्रक्रिया का नकारात्मक असर नहीं होगा और उन्होंने उनसे प्रक्रिया को लेकर किसी तरह की आशंका नहीं रखने की अपील की. 

परिसीमन का अभिप्राय किसी देश या राज्यों में निर्वाचन क्षेत्रों (लोकसभा व विधानसभा) की सीमाएं तय करने का कार्य या प्रक्रिया है. परिसीमन का कार्य एक अधिकार प्राप्त आयोग को सौंपा जाता है. यह निकाय परिसीमन आयोग या सीमा आयोग के रूप में जाना जाता है. 

देश में चार बार हुआ परिसीमन आयोग का गठन 

भारत में 4 बार परिसीमन आयोग का गठन किया गया है. परिसीमन आयोग अधिनियम 1952 के तहत 1952 में, परिसीमन आयोग अधिनियम 1962 के तहत 1963 में, परिसीमन अधिनियम 1972 के तहत 1973 और परिसीमन अधिनियम 2002 के तहत 2002 में परिसीमन आयोग गठित क‍िया गया था.  

पदाधिकारी ने बताया, ”जनगणना 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद की जाएगी. जनगणना समाप्त होने के बाद आगामी जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन किया जाएगा. परिसीमन के दौरान दक्षिणी राज्यों की चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा.” 

जनसंख्या वृद्धि को रोकने में दक्षिणी राज्य हुए सफल 

दक्षिणी राज्य – तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना – विभिन्‍न परिवार नियोजन उपायों के माध्यम से अपनी जनसंख्या वृद्धि को रोकने में सफल हुए हैं. दक्षिण भारतीय राज्यों के कई नेताओं ने चिंता व्यक्त की है कि उत्तर भारत की विशाल आबादी के कारण, उसे अधिक सीटें मिलेंगी और जिन राज्यों ने जनसंख्या को नियंत्रित किया है उनका प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा. 

पदाधिकारी ने कहा, ”हम दक्षिणी राज्यों की चिंताओं को समझते हैं और ऐसा तरीका विकसित करेंगे कि उनका आनुपातिक प्रतिधिनित्व बरकरार रहे. उन्हें इसका खामियाजा नहीं भुगतना होगा.” 

जनगणना व परिसीमन पूरा होने के बाद लागू होगा महिला कोटा

महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित होने के बाद परिसीमन पर बहस शुरू हुई. महिलाओं के लिए कोटा जनगणना और परिसीमन पूरा होने के बाद ही लागू किया जा सकता है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लोकसभा सीटों के परिसीमन पर चिंता जताई थी और इसे राज्य पर लटकी हुई ‘तलवार’ बताया था. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दक्षिणी राज्यों के डर को दूर करने का भी आग्रह किया था. 

‘केटीआर का ‘अन्याय’ के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान’ 

तेलंगाना पर 10 साल तक शासन करने वाली भारत राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने कहा था कि अब समय आ गया है कि दक्षिण के सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर 2026 के बाद लोकसभा सीटों के परिसीमन की प्रक्रिया के जरिए सरकार की ओर से किए जाने वाले ‘अन्याय’ के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं.

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