शाजापुर में ट्रक डाइवर्स से जुड़ी घटना को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल को हटा दिया है. ड्राइवर से ‘औकात’ पूछने वाले बयान को लेकर जिलाधिकारी के खिलाफ यह एक्शन लिया गया है. किशोर कन्याल की जगह अब सरकार ने नरसिंहपुर कलेक्टर ऋजु बाफना को शाजापुर का नया कलेक्टर बनाया है.
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा, यह सरकार गरीबों की सरकार है. सबके काम का सम्मान होना चाहिए और भाव का भी सम्मान होना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं. हम लगातार गरीबों की सेवा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा मनुष्यता के नाते ऐसी भाषा हमारी सरकार में बर्दाश्त नहीं. मैं खुद मजदूर परिवार का बेटा हूं. इस तरह की भाषा बोलना उचित नहीं है. अधिकारी भाषा और व्यवहार का ध्यान रखें.
बता दें कि ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल के बीच शाजापुर के कलेक्टर का एक वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें वह एकमीटिंग के दौरान एक ड्राइवर से ‘औकात’ पूछते नजर आ रहे हैं. बाद में कलेक्टर किशोर कान्याल ने इस शब्द के इस्तेमाल को लेकर अफसोस प्रकट किया था.
दरअसल, ड्राइवर यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग के दौरान कलेक्टर अपना आपा खो बैठे थे. वीडियो में नजर आ रहा है कि जब ड्राइवर्स के एक प्रतिनिधि ने कलेक्टर से ठीक ढंग से बातचीत करने का आग्रह किया तो उन्होंने ड्राइवर्स और अन्य से कानून अपने हाथ में नहीं लेने को कहा. साथ एक एक व्यक्ति से बोले, क्या करोगे तुम, क्या औकात है तुम्हारी?
सफाई और माफी के बाद भी नहीं बची कुर्सी
शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल ने ‘औकात’ वाले बयान पर माफी मांग ली थी. वहीं, अपनी सफाई में कहा था,”जिला और पुलिस प्रशासन ने जिले के 250 ड्राइवर्स की मीटिंग बुलाई थी. दरअसल, सोमवार को उनमें से कई ड्राइवर्स ने काफी उपद्रव मचाया था. इसी के चलते कलेक्टर ऑफिस में मीटिंग बुलाकर ड्राइवर्स को समझाइश दी जा रही थी कि कानून को हाथ में न लें. प्रजातांत्रिक तरीके से अपना विरोध जताएं. इसी दौरान मीटिंग में शामिल एक शख्स बार-बार पर खलल डाल रहा था और कह रहा था कि 3 जनवरी तक मांगें नहीं मानी तो हम किसी भी स्तर पर जा सकते हैं. उसी दौरान यह शब्द मेरे मुंह से निकल गए गए थे. यदि किसी को मेरी बातचीत से दुख पहुंचा हो तो माफी चाहता हूं.”
जानिए पूरा मामला?
मध्य प्रदेश के तमाम हिस्सों में वाहन चालकों ने केंद्र सरकार के ‘हिट-एंड-रन’ मामलों से संबंधित नए कानून को वापस लेने की मांग को लेकर काम बंद कर दिया था. जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे थे. इस वजह से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. शाजापुर जिले में ड्राइवर्स एसोसिएशन ने उग्र प्रदर्शन किया. उन्हीं से बातचीत करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस ने मीटिंग बुलाई थी. इसी दौरान कलेक्टर ने एक ड्राइवर से बहस के बीच ‘औकात’ वाली बात कह डाली थी.
‘हिट-एंड-रन’ नए कानून के बारे में
मोटर चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों के संबंध में नए दंड कानून के प्रावधान के खिलाफ सोमवार और मंगलवार को देशभर में प्रदर्शन हुआ. दरअसल, भारतीय दंड संहिता (IPS) की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (BNS) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.
प्रर्दशनकारी वाहन चालकों का कहना है कि नए कानून के अनुसार ‘हिट-एंड-रन’ मामलों में 10 साल की जेल की सजा और सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है, जो बहुत कठोर है. जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाएगा तब तक विरोध जारी रहेगा.