रक्षा मंत्रालय इस सप्ताह एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहा है। इसमें चर्चा के लिए 1.3 लाख करोड़ रुपये की भारत की दो सबसे बड़ी लड़ाकू विमान परियोजनाएं रहेंगी, जिसमें 97 नए एलसीए मार्क 1 ए लड़ाकू विमान खरीदना और 84 एसयू -30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को स्वदेशी रूप से अपग्रेड करना शामिल है।
रक्षा सूत्रों ने बताया, ’30 नवंबर को होने वाली बैठक में दो सबसे बड़ी लड़ाकू विमान परियोजनाओं पर चर्चा होने वाली है।’ सूत्रों के मुताबिक 97 एलसीए मार्क1ए परियोजना देशभर में एक मजबूत लड़ाकू विमान विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद करेगी और भारतीय वायुसेना को अपने मिग-21 बेड़े को बदलने में भी मदद करेगी, जिसे चरणबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है।
दोनों परियोजनाओं को 30 नवंबर को प्रस्तावित रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। भारतीय वायु सेना ने पहले ही 83 एलसीए मार्क1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दे दिया है और उनकी डिलीवरी फरवरी-मार्च 2024 में शुरू होने की उम्मीद है।
97 विमानों का मूल्य लगभग 65,000 करोड़ रुपये है
बता दें कि 97 विमानों का मूल्य लगभग 65,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जो देश में अब तक का सबसे बड़ा लड़ाकू विमान सौदा होगा। Su-30 MKI लड़ाकू विमान परियोजना उन्नयन कार्यक्रम भी अब तक के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है, जिसे पूरी तरह से स्वदेशी रूप से किए जाने की योजना है, जहां भारतीय हथियार, सेंसर और रडार रूसी मूल के विमानों पर लगाए जाएंगे।
इस परियोजना पर लगभग 64,000 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है। भारतीय फर्म हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड विमान पर पूरा डिजाइन और विकास कार्य करेगी, जिसमें विमान को नवीनतम विरुपाक्ष एईएसए रडार से लैस करना शामिल है।
260 विमान पहले से ही सेवा में है
Su-30 लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना का मुख्य आधार हैं, जिनमें से 260 पहले से ही सेवा में हैं। जेटों को अलग-अलग बैचों में शामिल किया गया है और अब ये लड़ाकू बेड़े का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा बन गए हैं।
Su-30MKI बेड़े उन्नयन योजना को भारतीय वायु सेना द्वारा निर्यात के अवसर के रूप में भी देखा जाता है, क्योंकि दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के कई देश विमान संचालित करते हैं और अपने बेड़े को उन्नत क्षमताएं प्रदान करने के लिए इन समाधानों का उपयोग कर सकते हैं।