मेला शुरू होने में 7 दिन शेष, शोरूम-दुकानें तैयार होना तो दूर बांस-बल्ली, तंबू भी अब तक नहीं लगे

सुई से लेकर महंगी गाड़ियों तक एक ही स्थान पर मिलने के लिए दुनियाभर में पहचाना जाने वाला ग्वालियर व्यापार मेला एक बार फिर अफसरों की अनदेखी व लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है। नवंबर में तय हो चुका था कि मेला 25 दिसंबर से शुरू होकर 25 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा।

इसके बाद भी अब तक मेले में बुनियादी काम नहीं हो पाए हैं और न शोरूम, दुकानें व प्रदर्शनी जैसे सेक्टर में काम हो पाया है। जबकि आज से 7वें दिन यानी कि 25 दिसंबर से मेला शुरू होना है। दुकानों के मेंटेनेंस से लेकर पार्किंग, सप्लाई और दूसरे कामों के लिए टेंडर भी मेला प्राधिकरण नहीं कर पाया है।

मेले का मुख्य आकर्षण ऑटोमोबाइल सेक्टर होता है। इसमें शोरूम तैयार होना तो दूर की बात रही, अब तक कोई तंबू या कील भी लगना शुरू नहीं हुई। ऐसे ही फूड सेक्टर, इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर, मीना बाजार की भी स्थिति है। सिर्फ झूला कारोबारियों ने अपना काम बढ़ा रखा है।

जानकारों के अनुसार तय समय पर मेला शुरू नहीं हो सकेगा। इसका कारण ये भी है कि इतने बड़े मेले के लिए स्थाई तौर से कोई वरिष्ठ अधिकारी प्राधिकरण दफ्तर में समय नहीं दे रहे। करीब 100 एकड़ जमीन में फैले इस मेले को 26 छतरियों में बांटा गया है। जिसमें अलग-अलग सेक्टर लगाए जाते हैं।

वहीं मेले के जिस दंगल में देशभर के पहलवान आते थे, उसकी कोई तैयारी प्राधिकरण की ओर से नहीं की है। मेले की दुकानों का आवंटन अभी तक नहीं निपटा है। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कैलेंडर भी अभी तक जारी नहीं किया गया है।

सीएम की वाहनों पर 50% छूट की घोषणा से व्यापारियों में उत्साह, वाहनों की बुकिंग तेज

ग्वालियर व्हीकल डीलर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरिकांत समाधिया का कहना है कि 50% आरटीओ छूट की घोषणा सीएम मोहन यादव ने कर दी है। इससे व्यापारियों में उत्साह है। साथ ही ग्राहकों का शोरूम पर आना शुरू हो गया है। जो मेले के लिए अभी से वाहनों की ​बुकिंग करा रहे हैं।

पार्किंग-लाइट के टेंडर खुलना शेष

मेला 25 दिसंबर से शुरू होना है, लेकिन अभी तक टेंडरिंग प्रक्रिया ही नहीं निपटी है। 17 दिसंबर को बचे 3 टेंडर खुलेंगे। अभी वाहन पहिया पार्किंग एवं लाइट कनेक्शन के टेंडर नहीं हो सके हैं।

प्रभारी मंत्री की फटकार के बाद भी काम में नहीं आई गति, दुकानों के देरी से आवंटन से फिर बिगड़ी व्यवस्था

मेले की तैयारियों को लेकर प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने शनिवार को बैठक ली थी। उन्होंने अधिकारियों को तेजी से तैयारी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है। मेला हर साल देरी से लगने का मुख्य कारण दुकानों का आवंटन ऑनलाइन नहीं होना है। इस कारण जो व्यापारी दुकान लगाना चाहते हैं उनको दुकान नहीं मिलती। पुराने दुकानदार जिनके नाम पर दुकान हैं वह हमेशा देरी से लगाते हैं।

झूला छोड़कर सभी सेक्टर में काम धीमा:

 मेले के ऑटो मोबाइल सेक्टर में कंपनियों ने जगह आवंटन करा लिया है, लेकिन यहां काम शुरू नहीं हुआ है। पशु मेला नहीं लगने से लोहा मार्केट में दुकानदार अभी तक नहीं आए हैं। फूड सेक्टर में कुछ दुकानें लग गई हैं। प्रदर्शनी सेक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में धूल उड़ रही है। मीना बाजार ने बीते 2 साल से चमक खो दी है। यहां पुराने कपड़ों की दुकाने लगती है।

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