ग्वालियर। सांसद भारत सिंह कुशवाह ने ग्वालियर-उज्जैन वाया इंदौर वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू किए जाने की मांग उठाई है। शीतकालीन सत्र के सातवें दिन संसद में रेलवे संशोधन विधेयक-2024 पर चर्चा करते हुए सांसद ने रेल मंत्री से मांग की कि ग्वालियर से महाकाल की नगरी वंदे भारत ट्रेन की जरूरत है।
ग्वालियर-इंदौर वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू करने के लिए जरूरत बताई थी। इस अभियान के तहत पांच मार्च को ’वंदे भारत के इंतजार में ग्वालियर, इंदौर तक चले तो यात्रियों को फायदा’ शीर्षक से समाचार सहित कई बिंदुओं को शासन-प्रशासन के समक्ष लाया गया था। इसी को आगे बढ़ाते हुए सांसद ने भी वंदे भारत ट्रेन की मांग की है।
… जल्द खत्म होगा ग्वालियर का इंतजार
संभावना जताई गई है कि जल्द ही सांसद की मांग को पूरा करते हुए ट्रेन का संचालन शुरू कराया जाएगा। प्रदेश के तीन महानगरों की तर्ज पर ग्वालियर को वंदे भारत एक्सप्रेस के जरिये इंदौर से जुड़ने का लंबे समय से इंतजार है।
भोपाल से इंदौर और जबलपुर तक वंदे भारत ट्रेनें दौड़ रही हैं, लेकिन ग्वालियर से इंदौर रूट इस मामले में पिछड़ा हुआ है। वंदे भारत के मामले में ग्वालियर का उपयोग सिर्फ हाल्ट स्टेशन के रूप में हो रहा है।
ग्वालियर से भोपाल और दिल्ली तक के लिए कई ट्रेनें हैं, लेकिन इंदौर रूट पर ट्रेनों का अभाव है। ग्वालियर से भोपाल और दिल्ली के लिए हर आधे से एक घंटे के बीच ट्रेन चलती है। ऐसे में वंदे भारत एक्सप्रेस की कोई विशेष उपयोगिता नहीं है।
वहीं ग्वालियर से इंदौर रूट पर ट्रेनें कम हैं। इस रूट पर अब सांसद भारत सिंह ने वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ाने की मांग की है। ग्वालियर-इंदौर ट्रैक पर ट्रेनें 110 से 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकती हैं।
इतनी रफ्तार से ही वंदे भारत एक्सप्रेस भोपाल से दिल्ली के बीच दौड़ती है, जबकि इस रूट पर दिनभर ट्रेनों का आवागमन होता रहता है। इंदौर रूट पर इतनी ट्रेनें नहीं हैं। इस कारण यहां ट्रेन की गति बरकरार रह सकती है।
ये ट्रेन अगर सुबह के समय इंदौर के लिए रवाना हो, तो रात तक फिर वापस ग्वालियर पहुंच सकती है। इससे दोनों शहरों के यात्रियों को लाभ होगा और कनेक्टिविटी भी बेहतर हो जाएगी।
रात में चलती हैं ट्रेनें, दिन में भोपाल होकर इंदौर जाते हैं लोग
ग्वालियर के कई व्यापारी, नौकरीपेशा लोगों सहित छात्रों का इंदौर तक आवागमन होता है। इंदौर के लिए ग्वालियर से अधिकतर ट्रेनों का संचालन रात के समय ही होता है। यदि किसी यात्री को दिन के समय इंदौर के लिए रवाना होना है, तो उसे भोपाल जाकर इंदौर पहुंचना पड़ता है।
जिन लोगों को जरूरी काम से दिन के समय जाना है, वे निजी चार पहिया वाहन या फिर भोपाल के लिए रवाना होते हैं। वहां से बस या ट्रेन के जरिए इंदौर जाते हैं। ग्वालियर से भोपाल और भोपाल से इंदौर की कनेक्टिविटी बेहतर है।