वोटिंग वाले दिन ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कर दिया साफ, बोले- मैं मुख्यमंत्री पद की रेस में ही नहीं

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान चल रहा है. इस दौरान कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी ग्वालियर में वोट डालने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की और उनके मुख्यमंत्री पद के दावेदार होने की तमाम अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘मैंने पहले से ही कहा है कि मैं मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं हूं. इस रेस में न मैं कभी था और न मैं आज हूं. मुझसे तीनों बार पूछा गया, साल 2013 में, साल 2018 में और आज भी. तीनों बार मैंने कहा है कि मैं सीएम की रेस में नहीं हूं.’

मुख्यमंत्री पद की रेस को लेकर टिप्पणी करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे कहा कि ये रेस कुर्सी की नहीं है. ये रेस विकास की है, प्रगति की है और जनता के विश्वास को सुनिश्चित रखने की है. इस दौरान सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री पद की कुर्सी की रेस कांग्रेस में होती है.

बीजेपी ने इसबार शिवराज को नहीं बनाया सीएम फेस

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और पिछले लगभग दो दशकों से पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को ही मुख्यमंत्री बनाए रखा है. शिवराज सिंह चौहान इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन पार्टी ने इसबार मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर उन्हें प्रोजेक्ट नहीं किया है. ऐसे में ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी इस बार मुख्यमंत्री बदल सकती है. वहीं बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को इस बार विधानसभा चुनाव में उतारा है, जिसके चलते भी इस तरह के कयासों को और हवा मिल गई है.

बीजेपी से मुख्यमंत्री पद की रेस में किस-किस का नाम

राजनीति के जानकार बताते हैं कि बीजेपी की तरफ से शिवराज सिंह चौहान के विकल्प के तौर पर जिन चेहरों को लेकर चर्चा है, उनमें पार्टी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर का भी नाम है. इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी शामिल है, लेकिन उन्होंने खुद वोटिंग के बाद इस तरह की अटकलों से खुद को अलग कर लिया है. मालूम हो कि सूबे में हो रही वोटिंग के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे.

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