ग्वालियर: शहर में डेंगू का प्रकोप अब तेजी से बढ़ने लगा है। हालात यह हो गए हैं कि पांच वार्ड डेंजर जोन में पहुंच गए हैं। इन वार्डों में अब तक 221 केस सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा बुरा हाल सितंबर के महीने में हुआ है। जनवरी से अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 749 पहुंच गई है। वहीं एक सितंबर से 29 सितंबर तक डेंगू के मरीजों की संख्या 550 है।
जिसमें बच्चों की संख्या 200 के करीब है। डेंगू के मरीजों की संख्या मुरार क्षेत्र में ही बढ़ रही है। इसमें अभी तक के आंकड़ों के अनुसार 50 फीसदी से ज्यादा डेंगू मुरार क्षेत्र के लोगों को ही हुआ है। जिसमें मुरार क्षेत्र के दीनदयाल नगर, नदी पार टाल, गोले का मंदिर, आदित्यपुरम, काल्पी ब्रिज, शताब्दीपुरम, सिरोल, अलकापुरी काशीपुर, आर्य नगर, मेहरा कालोनी, विवेक नगर सहित अन्य क्षेत्रों में डेंगू तेजी से बढ़ रहा है। इसके बाद लश्कर क्षेत्र और उपनगर ग्वालियर आता है।
मोबाइल टार्च की रोशनी में लार्वा खोज रहे कर्मचारी
स्वास्थ्य विभाग तैयारी जोर-शोर से करता है, लेकिन संसाधन के अभाव में उसकी मुहिम परवान नहीं चढ़ पाती। इस बार भी यही स्थिति दिख रही है। मलेरिया विभाग ने डेंगू की रोकथाम के लिए कर्मचारी तो मैदान में उतार दिए हैं, लेकिन अधूरे संसाधन के साथ। बिना उचित टार्च मोबाइल टार्च की रोशनी में वह लार्वा खोजने का प्रयास कर रहे हैं। उनके पास न पर्याप्त टार्च हैं न एंट्री करने के लिए रजिस्टर।
इसके साथ ही अन्य संसाधन का भी अभाव है। 66 वार्ड में मलेरिया टीम के साथ एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं को भी सर्वे के लिए उतारा गया है। इस तरह करीब 200 से 250 कर्मचारी डेंगू की रोकथाम के लिए लगे हैं, लेकिन आवश्यक सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने के कारण सर्वे में दिक्कत आ रही है। फील्ड में काम कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि बिना टार्च के टंकियों में लार्वा देखने में दिक्कत होती है।
अंधेरे में मोबाइल की रोशनी से लार्वा का पता नहीं चलता। एंट्री के लिए रजिस्टर भी नहीं मिल रहे हैं सादा कागज पर एंट्री करना पड़ रही है। जिला मलेरिया अधिकारी डा. विनोद कुमार दौनेरिया का कहना है कि मलेरिया वर्कर के साथ मैदान में उतरे अन्य कर्मचारियों को 100 टार्च उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही अन्य के लिए जल्द ही व्यवस्था की जाएगी। बजट न होने के कारण दिक्कत आई है।