माले: चीन परस्त मोहम्मद मुइज्जू की नीतियों के चलते पर्यटकों का स्वर्ग कहे जाने वाले मालदीव के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने मालदीव की क्रेडिट रेटिंग को पिछली CCC+ से घटाकर CC+ कर दिया है। दो महीने में दूसरी बार रेटिंग डाउनग्रेड करने के बाद मालदीव के बांड में गिरावट आई है, जिससे डिफॉल्ट का खतरा बढ़ गया है। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के एक बयान में कहा गया कि मालदीव को दीर्घकालीन विदेशी मुद्रा जारी डिफॉल्ट रेटिंग (IDR) को घटाकर CC कर दिया गया है। एजेंसी ने कहा है कि यह आमतौर पर CCC+ या उससे कम रेटिंग वाले देशों को आउटलुक प्रदान नहीं करती है।
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट
जुलाई में मालदीव का शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार 50 मिलियन डॉलर से नीचे चला गया जबकि सकल भंडार 400 मिलियन डॉलर से नीचे गिर गया। यह महीने में 500 मिलियन डॉलर से कम था। मालदीव में इस साल चीन और रूस से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी के बावजूद आयात पर भारी निर्भरता और डॉलर के मुकाबले रुफिया में गिरावट ने भंडार पर दबाव बनाए रखा है। देश के सबसे बड़े कर्जदाता, बैंक ऑफ मालदीव ने पिछले सप्ताह देश के क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर विदेशी मुद्रा के खर्च की सीमा लागू की थी। हालांकि, मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण के निर्देश पर फैसले को उसी दिन पलट दिया गया था।
चीन के चक्कर में बर्बाद हुआ मालदीव
मालदीव सरकार 3.5 अरब डॉलर के भारी बाहरी कर्ज से जूझ रही है, जिसका बड़ा हिस्सा चीन के बैंकों से लिया हुआ है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चुनाव में इंडिया अभियान चलाकर भारत विरोधी भावनाओं को भड़काया था। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने चीन से खूब नजदीकियां बढ़ाई। इसके बावजूद चीन ने कर्ज के पुनर्गठन की माले की मांग को ठुकरा दिया। अब आर्थिक संकट में घिरे मुइज्जू भारत की तरफ देख रहे हैं। उन्होंने चीन के साथ ही भारत से भी बेलआउट के लिए अपील की है।
भारत की शरण में मुइज्जू
माले के अनुरोध पर भारत ने कर्ज अदायगी के लिए मालदीव को राहत प्रदान की है। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने जुलाई में कहा था कि उनकी सरकार डॉलर की कमी को कम करने के लिए मुद्रा विनियम को लेकर भारत और चीन से बात कर रही है। फिच ने कहा है यह मुद्रा विनिमय बाहरी फंडिंग के दबाव को कम कर सकते हैं। हालांकि, यह अनिश्चित है कि ये साकार होंगे या नहीं। एजेंसी ने कहा कि यह आईएमएफ या अन्य बहुपक्षीय दाताओं से समर्थन संभवतः कर्ज पुनर्गठन पर निर्भर करेगा।