संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर पाकिस्तान ने अपनी पुरानी हरकत दोहराई है. उसने यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में सुधार के भारत की मांग का विरोध किया, लेकिन भारत ने उसके इस प्रस्ताव को नकार दिया.
भारत ने जर्मनी, ब्राजील और जापान के साथ मिलकर जी-4 ग्रुप बनाया, जिन्होंने यूएनएससी में सुधार लाने और 6 परमानेंट और 4 टेम्परेरी सदस्य जोड़ने का प्रस्ताव रखा.
पाकिस्तान ने भी इटली के साथ मिलकर यूएफसी ग्रुप बना लिया और भारत के परमानेंट सदस्य जोड़ने के प्रस्ताव का विरोध किया. भारत ने पाकिस्तान की तरफ से कही गई बातों को नकार दिया.
भारत ने साफ कहा कि पांच क्लस्टर पर सहमति न होने की वजह से पाकिस्तान यूएनएससी में सुधार लाने को रोकने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान की तरफ से किया गया विरोध और लिखित बातचीत बेहद कमजोर है.
भारत की उपस्थाई प्रतिनिधि योजना पटेल ने यूएनएससी में सुधार लाने की बात करते हुए कहा कि इसमें निर्णायक और पारदर्शी तरीका अपनाया जाना चाहिए. सुधार के लिए जो कदम उठाए गए हैं उसकी रफ्तार बहुत धीमी है.
उन्होंने यह भी कहा कि भारत लंबे समय से आईजीएन फ्रेम वर्क में लिखित बातचीत पर जोर दे रहा है क्योंकि बिना इसके कोई ठोस कदम नहीं लिया जा सकता और फिर सुधार की प्रक्रिया बेकार साबित हो जाएगी.
यूएनएससी में चीन, फ्रांस, रूसी संघ, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका परमानेंट सदस्य हैं और अल्जीरिया, इक्वाडोर, गुयाना, जापान, माल्टा, मोजाम्बिक, कोरिया गणराज्य, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और स्विट्जरलैंड टेम्परेरी सदस्य हैं.