जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना को बड़ी सफलता मिली है। गंडोह में सेना ने सफलतापूवर्क ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 26 जून को तीन विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया था। इसके बाद केंद्रीय एजेंसियों के जरिए खुफिया जानकारी हासिल कर पुलिस ने जांच की और इसी आधर पर आतंकियों के मुख्य मॉड्यूल का खुलासा किया गया। हाल ही में हुई घुसपैठ में भी इसी आतंकी मॉड्यूल का हाथ था। इसी मॉड्यूल की वजह से डोडा, उधमपुर और कठुआ के ऊपरी इलाकों में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार सीमा पार आतंकवादी संचालकों के साथ मिलकर इस मॉड्यूल के सरगनाओं ने सांबा-कठुआ सेक्टर में बड़े पैमाने पर आतंकियों की घुसपैठ कराई। इस मॉड्यूल के जरिए आतंकियों को रुकने के लिए घर, भोजन और अन्य छोटी रसद उपलब्ध कराई गई। इसी मॉड्यूल के जरिए आतंकियों को उधमपुर-कठुआ-डोडा जिलों के पहाड़ों और जंगलों के ऊपरी इलाकों में कैलाश पर्वत के आसपास के इलाकों में छिपने की ट्रेनिंग दी गई और उन्हें आने-जाने के रास्ते भी बताए गए।
सेना से बचने में आतंकियों की मदद की
उधमपुर-कठुआ-डोडा के बीच सेना के ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों ने ऊपरी इलाकों तक पहुंचने और सेना से बचने के लिए भी मॉड्यूल की मदद ली थी। खुद मॉड्यूल के सदस्यों ने इस बात की पुष्टि की। इस मॉड्यूल के जबकि सरगना की पहचान मोहम्मद लतीफ उर्फ हाजी लतीफ के रूप में की गई है। मॉड्यूल के 8 अन्य सदस्यों को दुश्मन एजेंट के रूप में गिरफ्तार किया गया है। इसमें शामिल अन्य लोगों के नाम अख्तर अली, सद्दाम, कुशाल, नूरानी, मकबूल, लियाकत, कासिम दीन और खादिम हैं।
घुसपैठ-रोधी ग्रिड को और मजबूत किया जाएगा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ-रोधी ग्रिड को और मजबूत किया जा रहा है। उपराज्यपाल ने पाकिस्तान पर आतंकवाद का “जरिया” होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह (पड़ोसी देश) जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति को बिगाड़ने के अपने प्रयास में कभी सफल नहीं होगा। सिन्हा ने रविवार को कहा, “घुसपैठ-रोधी ग्रिड को पहले की तुलना में मजबूत किया गया है। घुसपैठ के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए इसे और मजबूत किया जाएगा।” सुरक्षा बलों ने पिछले दो महीनों में जम्मू-कश्मीर के पुंछ, कुपवाड़ा, राजौरी और बांदीपोरा सेक्टर में घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम करते हुए कई आतंकवादियों को मार गिराया है। सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि जम्मू क्षेत्र की पहाड़ियों में लगभग 60 से 70 विदेशी घुसपैठी आतंकवादी सक्रिय हैं। जम्मू क्षेत्र के उधमपुर, कठुआ, सांबा, डोडा, पुंछ और राजौरी जिलों में उच्च प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा सेना के जवानों, तीर्थयात्रियों और पुलिस पर किए गए सिलसिलेवार हमलों के बाद प्रशासन ने आंतरिक इलाकों में बलों की पुनः तैनाती और सीमा पर 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की दोहरी रणनीति अपनाई है।