ISI के पूर्व चीफ फैज हमीद का होगा ‘कोर्ट मार्शल’, सैन्य हिरासत में लिए गए, जानें मामला

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व चीफ फैज हमीद को सोमवार (12 अगस्त) को सेना ने हिरासत में लिया. लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) फैज हमीद के खिलाफ पाकिस्तान सेना अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई शुरू हो गई है. आईएसपीआर की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार फैज हमीद को सैन्य हिरासत में ले लिया गया है. जिसके बाद टॉप सिटी हाउसिंग स्कीम घोटाले के सिलसिले में उनके कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पाकिस्तान के पूर्व खुफिया प्रमुख फैज हमीद को आर्मी ने गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, “पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के खिलाफ टॉप सिटी केस में की गई शिकायतों का पता लगाने के लिए पाकिस्तानी सेना की एक टीम ने जांच की थी, जिसमें फैज अहमद के खिलाफ कई मामले सामने आए हैं.

कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया हुई शुरू- ISPR

आईएसपीआर ने आगे कहा, “इसके अलावा, फैज अहमद के रिटायर होने के बाद पाकिस्तान सेना अधिनियम के उल्लंघन के कई मामले भी सामने आए हैं. जिसके बाद रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है. फिलहाल, फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू की गई है. ऐसा पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान के किसी पूर्व खुफिया प्रमुख के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई शुरू की गई है.

पूर्व ISI चीफ के खिलाफ लगा पद के दुरुपयोग का आरोप

दरअसल, पाकिस्तानी सेना ने कथित तौर पर पूर्व जासूस प्रमुख और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख के खिलाफ पद के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए अप्रैल में एक जांच समिति गठित की थी.

जानें क्या है पूरा मामला?

बीते साल 14 नवंबर 2023 को जारी अपने लिखित आदेश में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पूर्व जासूस प्रमुख सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के खिलाफ “अत्यंत गंभीर प्रकृति” के आरोप हैं. क्योंकि अगर वे सही साबित हुए तो वे देश के सशस्त्र बलों, आईएसआई और पाकिस्तान रेंजर्स की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएंगे, इसलिए इन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता.

प्राइवेट आवास योजना टॉप सिटी के प्रबंधन ने पूर्व आईएसआई प्रमुख के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया था कि उन्होंने इसके मालिक मोइज़ खान के ऑफिसों और घरों पर छापेमारी की थी. जिसके बाद नवंबर 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने हाउसिंग सोसाइटी के मालिक को पूर्व जासूस प्रमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए रक्षा मंत्रालय सहित संबंधित विभागों से संपर्क करने को कहा था.

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