मोदी के आक्रामक तेवर, विपक्ष का वॉकआउट और केंद्र में राहुल… हंगामे के साथ संसद के विशेष सत्र का समापन

लोकसभा चुनाव के बाद संसद का पहला सत्र संपन्न हो गया है. 24 जून को शुरू हुए संसद के इस सत्र के शुरुआती दो दिन लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई गई. तीसरे दिन लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ. चौथे दिन राष्ट्रपति ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर शुक्रवार को लोकसभा में अनुराग ठाकुर और राज्यसभा में डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार देखने को मिली.

चुनावी मोड में रहे पक्ष-विपक्ष

लोकसभा चुनाव के बाद इस पहले सत्र में पक्ष और विपक्ष, दोनों ही पक्ष चुनावी मोड में नजर आए. विपक्ष संविधान को लेकर आक्रामक नजर आया. विपक्षी गठबंधन के सदस्यों ने सदस्यता की शपथ लेने के बाद जय संविधान के नारे लगाए. वहीं, सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसद धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संसद से यह संदेश देने की रणनीति पर चलते आए कि विपक्षी दलों ने चुनाव प्रचार के दौरान संविधान जैसे मुद्दों को लेकर भ्रम फैलाने का काम किया है.

सत्तापक्ष के सदस्य इमरजेंसी को लेकर कांग्रेस पर हमलावर रहे और यह कहा कि तब कांग्रेस ने संविधान को कुचला. लोकसभा स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिरला भी सदन में इमरजेंसी को लेकर निंदा प्रस्ताव लेकर आए. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा- हमारे जैसे लोग यहां तक पहुंचे हैं तो उसका कारण संविधान है.

NEET पेपर लीक पर हंगामा

संसद सत्र के दौरान विपक्ष के सदस्य NEET पेपर लीक को लेकर सरकार पर हमलावर रहे. विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत से पहले नीट पेपर लीक को लेकर चर्चा की मांग पर अड़ा था. विपक्ष के हंगामे के कारण 28 जून को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी और अनुराग ठाकुर के संबोधन के बाद सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी थी. राज्यसभा में भी विपक्ष ने हंगामा किया, सदन से वॉकआउट कर दिया लेकिन उच्च सदन की कार्यवाही जारी रही थी.

एक जून, सोमवार को जब संसद की कार्यवाही शुरू हुई, तब भी विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नीट पेपर लीक को लेकर चर्चा की मांग की थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसदीय परंपरा का जिक्र करते हुए कहा था कि धन्यवाद प्रस्ताव से पहले किसी अन्य विषय पर चर्चा नहीं होती, ये परंपरा रही है. पहले धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो जाए, उसके बाद आप जिस विषय पर चाहें, हम चर्चा के लिए तैयार हैं. राहुल गांधी ने राजनाथ के सुझाव पर सहमति जताते हुए कहा था कि एक दिन नीट पेपर लीक पर चर्चा होनी चाहिए. ये युवाओं से जुड़ा महत्वपूर्ण मुद्दा है. 

पूरे सत्र में छाए रहे ये मुद्दे

संसद सत्र की शुरुआत से लेकर संपन्न होने तक तीन मुद्दे छाए रहे- संविधान, आरक्षण और नीट पेपर लीक. लोकसभा में नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथग्रहण से लेकर पक्ष-विपक्ष के नेताओं के संबोधन तक, संविधान का मुद्दा छाया रहा. एनडीए और इंडिया ब्लॉक, दोनों ही गठबंधनों के सांसद अपने-अपने संबोधनों में एक-दूसरे को आरक्षण विरोधी बताते नजर आए. एनडीए के सासंदों और खुद पीएम मोदी ने भी आरक्षण लागू किए जाने के समय तब विपक्ष में रही कांग्रेस के नेता राजीव गांधी की लंबी स्पीच याद दिलाई और कहा कि कांग्रेस दलित-पिछड़ों की विरोधी रही है. नीट पेपर लीक का शोर भी धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत से सदन की कार्यवाही के संपन्न होने तक सुनाई दिया.

केंद्र में रहे राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सत्र की शुरुआत से समापन तक सत्ता पक्ष के हमलों के केंद्र में रहे. राहुल गांधी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान 90 मिनट के अपने संबोधन में भगवान शिव और उनकी अभय मुद्रा का जिक्र करते हुए बीजेपी पर जमकर हमला बोला. राहुल गांधी ने अपने संबोधन में किसान, जवान, अग्निवीर जैसे तमाम मुद्दे उठाए. राहुल गांधी ने इंडिया ब्लॉक की सरकार बनने पर अग्निवीर योजना समाप्त करने की बात भी कही.

राहुल ने अपने संबोधन के दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो हिंदू-हिंदू करते रहते हैं, वह हिंसा-हिंसा करते हैं. राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी संसद से सड़क तक आक्रामक मोड में नजर आई. संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी के संबोधन में भी राहुल और कांग्रेस हमले के केंद्र में रहे.
 
मोदी के आक्रामक तेवर

संसद में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी के तेवर भी आक्रामक नजर आए. पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन्हें बालक बुद्धि बताया और जमानत पर बाहर होने, मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी के मामले में सजा सुनाए जाने का उल्लेख करते हुए उनके खिलाफ दर्ज केस भी गिना दिए. पीएम मोदी ने हिंदुओं को लेकर टिप्पणी पर कहा कि अब हिंदुओं को सोचना होगा कि ये संयोग है या प्रयोग.

उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में ये भी कहा- कांग्रेस के इकोसिस्टम को अब उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा. पीएम ने इमरजेंसी के बहाने कांगेस को कठघरे में खड़ा करते हुए ये भी कहा- संविधान जब खतरे में था तब देश ने हम पर भरोसा किया. देशवासी जानते हैं कि संविधान की रक्षा हम ही कर सकते हैं. लोकसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस को परजीवी बताया. उनके संबोधन के दौरान विपक्ष के सदस्य वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी करते रहे.

वॉकआउट से हुआ समापन

संसद के इस हंगामेदार सत्र का समापन विपक्ष के वॉकआउट के साथ हुआ. राज्यसभा में पीएम मोदी के संबोधन के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी की, हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट कर दिया. विपक्ष के वॉकआउट की सभापति जगदीप धनखड़ ने भर्त्सना की और कहा कि इससे देश के 140 करोड़ लोग आहत होंगे. आज वो सदन छोड़कर नहीं, मर्यादा छोड़कर गए हैं. ये हमारा अपमान नहीं, सदन का अपमान है. वह मुझे पीठ दिखाकर नहीं गए हैं, भारत के संविधान को पीठ दिखाकर गए हैं.

सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- बहुत दुखी हूं, भारत के संविधान का इतना अपमान, इतना बड़ा मजाक. आशा करता हूं कि वे आत्ममंथन करेंगे. पीएम मोदी के संबोधन के बाद राज्यसभा ने ध्वनिमत से धन्यवाद प्रस्ताव पारित कर दिया. धन्यवाद प्रस्ताव पारित होने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने इस सत्र के दौरान हुए कामकाज का लेखा-जोखा सदन पटल पर रखा और फिर सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.

 

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