नई दिल्ली. भारत का ग्वालियर (Gwalior) और कोझिकोड (Kozhikode) उन 55 नये शहरों में शामिल है, जिन्हें मंगलवार को यूनेस्को (UNESCO) के रचनात्मक शहरों के नेटवर्क की सूची में जगह दी गयी है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी घोषणा की. यूनेस्को की ओर से जारी बयान के मुताबिक इन नए शहरों को अपनी विकास रणनीतियों के हिस्से के रूप में संस्कृति और रचनात्मकता का उपयोग करने तथा मानव-केंद्रित शहरी नियोजन में नवीन प्रथाओं को प्रदर्शित करने के प्रति उनकी मजबूत प्रतिबद्धता के लिए इस सूची में शामिल किया गया है.
विश्व शहर दिवस (वर्ल्ड सिटी डे) पर यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अजोले द्वारा स्वीकृति के बाद 55 शहर रचनात्मक शहरों के नेटवर्क में शामिल हो गए. मध्य प्रदेश के ग्वालियर ने ‘संगीत’ श्रेणी में इस प्रतिष्ठित सूची में जगह बनाई है, वहीं केरल के कोझिकोड को ‘साहित्य’ श्रेणी में इस सूची में शामिल किया गया है. केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने बधाई देते हुए कहा कि मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर मध्य प्रदेश के लोगों, विशेषकर ग्वालियर के लोगों को बधाई देता हूं. इस उपलब्धि ने शहर की संस्कृति और कला को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
ग्वालियर से गहरा नाता है संगीत सम्राट तानसेन-बैजू बावरा का
ग्वालियर को दुनिया भर में संगीत नगरी के रूप में जाना जाता है. ग्वालियर की संगीत परंपरा समृद्ध है. ग्वालियर को संगीत सम्राट तानसेन और महान बैजू बावरा के कारण दुनिया भर में पहचान मिली है. ग्वालियर में संगीत सम्राट तानसेन का जन्म हुआ था साथ ही बैजू बावरा भी ग्वालियर से ही थे. तानसेन अकबर के नौ रत्नों में शामिल थे.
ग्वालियर कला प्रेमियों के लिए तीर्थ स्थलग्वालियर के हजीरा इलाके में संगीत सम्राट तानसेन की समाधि है, जहां हर साल अंतर्राष्ट्रीय तानसेन संगीत समारोह आयोजित किया जाता है. संगीत सम्राट तानसेन की समाधि और उनका संगीत समारोह दुनिया भर के कला प्रेमियों के लिए किसी तीर्थ स्थल से काम नहीं है. इस के अलावा ग्वालियर में कई संगीत घराने हैं. इनके शिष्य देश दुनिया में ग्वालियर का नाम रोशन कर रहे हैं.