468 गांव, 80 हजार आबादी और बूंद-बूंद की किल्लत…MP के शिवपुरी का बेंगलुरु जैसा हाल!

हम कितने सालों से सुनते आ रहे हैं कि पानी को बचाना है ताकी हमारी आने वाली पीढ़ीयों के लिए भू जल यानी ग्राउंड वॉटर खत्म ना हो जाए. इन बातों पर आम जीवन में कम ही ध्यान दिया जाता है. लेकिन बीते दिनों जब बेंगलुरू में जल संकट लोगों की जानकारी में आया तो इस विषय में फिर से बातें शुरू हो गईं. कहा जाने लगा कि कुछ किया जाना चाहिए ताकी पानी की कमी से लोगों को निजात दिलाई जा सके और साथ ही पानी को बचाया भी जा सके.

लेकिन पानी का संकट झेलने वाला एक मात्र शहर बेंगलुरू ही तो है नहीं. मध्य प्रदेश के आदीवासी हिस्सों में भी ये परेशानी तेजी से बढ़ रही है. मध्य प्रदेश के शिवपुरी-पोहरी विधानसभा के कई गांवों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. ग्राउंड वॉटर लेवल भी लगातार गिरता जा रहा है. इसी के चलते शिवपुरी जिले के पोहरी से इकलौते कांग्रेसी विधायक कैलाश कुशवाह ने उनकी विधानसभा में पानी की समस्या से जूझ रही पंचायतों के निराकरण के लिए कलेक्टर को एक पत्र लिखा है.

बढ़ रही समस्या

अपने लेटर में विधायक ने पानी की गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है. विधायक कुशवाह ने ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर कलेक्टर को लेटर लिखा है कि पेयजल की समस्या का समाधान किया जाए. विधायक ने अपने लेटर में लिखा है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान सरपंचों और ग्रामवासियों ने मुझे पानी की बढ़ती समस्या से अवगत कराया. क्षेत्र में पानी की गंभीर समस्या होने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

विधायक ने कलेक्टर से किया अनुरोध

अपने लेटर में विधायक ने आगे लिखा कि ग्रामीणजनों और पशुओं को पीने के पानी की बहुत जरूरत है. गर्मी का मौसम होने की वजह से भू-जल स्तर नीचे जा रहा है जिसके कारण से बोर और हैण्डपंप में पानी कम हो गया है, इससे ग्रामीणों को पूरा पानी नहीं मिल पा रहा है. साथ ही मोटर-पाइपों और केबल की भी गंभीर समस्या बनी हुई है, विशेष रूप से आदिवासी गांवों में पानी की ज्यादा समस्या है. विधायक ने कलेक्टर से अनुरोध किया है कि विधानसभा क्षेत्र में मोटर-पाइपों और केबल ज्यादा मात्रा में क्षेत्र में उपलब्ध कराये जाएं, जिससे पानी की समस्या का जल्दी समाधान हो सके.

अप्रैल से पहले ही 50% पानी की समस्या

आंकड़ों की बात करें तो इलाके में लगभग 138 पंचायते आती हैं. यहां 468 गांव हैं जहां 50 प्रतिशत पानी की समस्या अप्रैल महीने के पहले ही शुरू हो गई है. विधायक कुशवाह ने अधिकारियों के साथ पानी की समस्या को लेकर एक बैठक भी की और ताजा हाल जाना. साथ ही इस समस्या से निपटने के रास्ते भी तलाशे. अधिकारियों का कहना है कि लोगों के जो बोर सही से चल रहे हैं उनको अधिग्रहण करके आस-पास के गांव तक पानी पहुंचाए जाने की कोशिश की जाएगी. क्षेत्र की आदिवासी जनसंख्या के बारे में बात करें तो लगभग 80 हजार के आसपास यहां आदिवासी लोग रहते हैं.

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