पटना। बिहार में एनडीए के सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत जदयू को मिल सकती हैं 16 सीटें। कहा जा रहा कि इस पर सहमति बन चुकी है। जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने गुरुवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। ऐसी चर्चा है कि जदयू ने भाजपा को अपनी सीटों की सूची सौंप दी है।
वहीं इस संबंध में यह कहा जा रहा कि पांच दिन बाद ब्रिटेन की यात्रा से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लौटने के बाद यह आधिकारिक घोषणा होगी कि जदयू कौन-कौन सी सीटों पर लड़ेगा और भाजपा व एनडीए के अन्य घटक दल कौन-कौन से लोकसभा क्षेत्र में मैदान में होंगे।
जदयू के राज्यसभा सदस्य संजय झा ने खुद अपने एक्स हैंडल पर अमित शाह से मुलाकात की जानकारी तस्वीर के साथ पोस्ट की है। उन्होंने यह लिखा कि गृह मंत्री के साथ उन्होंने राष्ट्रीय व क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने हिस्ट्री आफ नव्य-न्याय इन मिथिला पुस्तक भी गृह मंत्री को भेंट की। इसे दिनेश चंद्र भट्टाचार्य ने लिखा है।
जदयू को मिल सकती है ये सीटें
जदयू से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री की सहमति से उन सीटों की सूची अमित शाह को दी गयी है जहां से जदयू अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहता है। इनमें जदयू की वह सीटें मुख्य रूप से शामिल हैं जहां से 2019 में उसे सफलता मिली थी। इनमें वाल्मीकिनगर, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सिवान, भागलपुर, बांका, नालंदा, काराकाट, जहानाबाद, गया व मुंगेर की सीट शामिल है।
कुछ सीटों पर फंसा पेच
जदयू ने सीतामढ़ी सीट भी अपने लिए मांगी है। कुछ सीटों को लेकर पेच यह है कि एनडीए के अन्य घटक दल भी जदयू की सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। इनमें काराकाट, गया व सीतामढ़ी की सीट शामिल है। सीतामढ़ी सीट से सुनील कुमार पिंटू अभी सांसद हैं। भाजपा ने जदयू को सीतामढ़ी सीट के साथ-साथ अपने प्रत्याशी के रूप में सुनील पिंटू को दिया था।
जदयू चाहता है कि वह सीट देवेश चंद्र ठाकुर के लिए उसे मिल जाए। इसी तरह से गया से जदयू की सीट पर हम की ओर से दावेदारी सुनी जा रही। जबकि गया जदयू की सीट है। काराकाट से भी जदयू के सांसद हैं। इस सीट से उपेंद्र कुशवाह चुनाव लड़ना चाहते हैं।