कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली लगातार चर्चा में है। गांववालों की जबरन जमीन हड़पने और ईडी पर हमला करके फरार होने वाला शाहजहां शेख अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। शेख शाहजहां को संरक्षण देने का आरोप ममता बनर्जी सरकार और बंगाल पुलिस पर लग रहा है। तमाम आलोचनाओं के बीच टीएमसी ने शेख शाहजहां, उसके भाई शेख सिराजुद्दीन और अन्य परिवार के लोगों से दूरी बनानी शुरू कर दी है। पुलिस ने इस मामले में 72 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पिछले महीने संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ जवानों पर हुए हमले का आरोपी मास्टरमाइंड शेख शाहजहां 5 जनवरी को हमले के दिन से ही फरार है। उसकी गिरफ्तारी न होने को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी टीएमसी सरकार और पुलिस को फटकार लगाई है।
टीएमसी खुद को आरोपियों से दूर रखने की कोशिश कर रही है। यह राज्य के सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक की एक टिप्पणी से स्पष्ट हो गया, जो शनिवार को राज्य अग्निशमन सेवा मंत्री सुजीत बसु और स्थानीय तृणमूल विधायक सुकुमार महतो के साथ संदेशखाली के दौरे पर थे।
सिराजुद्दीन कब हटे, नहीं बताया
मीडिया से बात करते हुए पार्थ भौमिक ने कहा कि हालांकि सिराजुद्दीन कभी तृणमूल क्षेत्र के अध्यक्ष हुआ करते थे, लेकिन कुछ समय पहले उन्हें पद से हटा दिया गया था। भौमिक ने कहा, ‘उनकी जगह अजीत मैती ने ले ली है।’ हालांकि, न तो मंत्री और न ही स्थानीय पार्टी विधायक ने सिराजुद्दीन को पद से हटाने का समय स्पष्ट किया है।
बीजेपी और सीपीएम पर षडयंत्र का आरोप
जब मीडियाकर्मियों ने बताया कि मैती के खिलाफ भी अवैध जमीन कब्जाने की शिकायतें हैं, तो भौमिक ने कहा, ‘संदेशखाली में जो कुछ हो रहा है, वह सीपीएम और बीजेपी मिलकर करवा रहा है। हम पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि स्थानीय लोगों को जमीन लौटाना राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है।’
भीड़ ने जलाया शेख शाहजहां के भाई का घर
इस सप्ताह की शुरुआत में, संदेशखाली में ग्रामीणों ने सिराजुद्दीन के स्वामित्व वाले मछलीपालन फार्म के भीतर स्थित एक गोदाम को जला दिया था। इस बीच, विपक्षी भाजपा ने भौमिक के ‘कुछ समय पहले’ सिराउद्दीन को पद से हटाने के दावे का मजाक उड़ाते हुए इसे ‘सिर्फ और सिर्फ मजाक’ करार दिया है।
बीजेपी की एक राज्य समिति के सदस्य ने कहा, ‘एक नेता तब तक पार्टी के लिए मूल्यवान बना रहता है जब तक वह रहता है। एक बार विवाद सामने आने पर तथाकथित निलंबन या पार्टी पदों से हटाने की घोषणा की जाती है। हालांकि, जैसे ही विवाद खत्म हो जाते हैं, वही नेता फिर से मूल्यवान बनकर उभर आते हैं।’
शेख शाहजहां के खिलाफ जांच शुरू
तृणमूल कांग्रेस ने भगोड़े पार्टी नेता शेख शाहजहां के खिलाफ शिकायतों की जांच की बात कही है। यह निर्णय उत्तर 24 परगना के संदेशखली के बरमाजुर में बढ़ते तनाव के बाद लिया गया है, जहां लगातार तीन दिनों तक महिलाओं के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुए हैं, क्योंकि सिराज के खिलाफ शिकायतों की बाढ़ आ गई है, जो मुख्य रूप से भूमि हड़पने से संबंधित हैं। आंतरिक आलोचना को स्वीकार करते हुए, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘गुस्सा कुछ व्यक्तियों के खिलाफ उनके गलत रवैये, अभद्रता और व्यक्तित्व-संचालित राजनीति के लिए है।’
ऐसे शुरू हुआ विवाद
5 जनवरी को ईडी अफसर और केंद्रीय सुरक्षा बल शेख शाहजहां के घर पर छापेमारी करने पहुंचे थे। उन पर 550 करोड़ रुपये के राशन घोटाले का आरोप है। घर पर तलाशी अभियान के दौरान ईडी के तीन अधिकारियों पर भीड़ ने हमला किया और उन्हें घायल कर दिया। सहयोगियों पर जमीन हड़पने और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, बरमाजुर में स्थापित एक शिविर में कुल 73 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से कई ने विभिन्न कथित अपराधों के लिए सिराज पर उंगली उठाई। ग्रामीणों ने सिराज और उसके सहयोगियों पर उनके जॉब कार्ड जब्त करने का आरोप लगाया। राज्य के मंत्री पार्थ भौमिक और सुजीत बोस ने अशांत क्षेत्र का दौरा किया और ग्रामीणों को आश्वासन दिया।