पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल ‘अपराजिता’ पास, 5 पॉइंट में जान लें इसके प्रावधान

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सर्वसम्मति से राएंटी रेप बिल ‘अपराजिता’ पास कर दिया है। विपक्ष ने भी इस विधेयक का पूरा समर्थन किया है। यह विशेष सत्र पिछले महीने राज्य द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले के बाद बुलाया गया था। राज्य के कानून मंत्री मलय घटक ने विधेयक पेश किया। यह विधेयक बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा देने का प्रावधान करता है, अगर उनके कृत्यों से पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या वह कोमा में चली जाती है। इसके अलावा इस बिल में और क्या प्रावधान हैं हम 5 पॉइंट में बताने जा रहे हैं.

1. रेप और हत्या करने वाले को फांसी की सजा
इस बिल के अनुरसार, रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में पुलिस को 21 दिनों जांच पूरी करनी होगी। इस बिर में दरिंदगी करने वाले के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान है। इस बिल में अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान है।

2. हर जिले में अपराजिता टास्क फोर्स
इस बिल में हर जिले के भीकर स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान है। रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स एक्शन लेगी। टास्क एक्शन फोर्स इस मामले में अपराधियों सलाखों के पीछे पहुंचाएगी।

3. एसिड अटैक करने वाले को उम्रकैद की सजा
ममता सरकार द्वारा पेश किए गए इस बिल में रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर माना गया है। महिलाओं पर एसिड अटैक करने वालों के खिलाफ ऐसी सजा का प्रावधान किया गया है कि वो ऐसे अपराध करने से पहले 10 बार सोचेंगे। इसके लिए इस बिल में आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

4. पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को भी सजा
वहीं इस बिल रेप जैसे मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है। इस बिल के अनुसार, रेप पीडि़ता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है।

5. BNSS प्रावधानों में संशोधनविधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए BNSS प्रावधानों में संशोधन शामिल किया गया है। सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान है। सरकार को उम्मीद है कि इस बिल को लाने से प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *