आखिर कौन हैं बाल योगी संत उमेश नाथ महाराज? जिन्हें राज्यसभा कैंडिडेट बनाकर BJP ने चौंकाया

भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को राज्यसभा चुनाव के लिए मध्य प्रदेश से 4 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. इन उम्मीदवारों में एक चौंकाने वाला नाम वाल्मिकी धाम आश्रम के प्रमुख पीठाधीश्वर बाल योगी संत उमेशनाथ जी महाराज का है. उज्जैन के वाल्मिकी धाम आश्रम के प्रमुख पीठाधीश्वर बाल योगी संत उमेश नाथ जी महाराज को भाजपा ने राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है. 
 
हैरानी की बात यह है कि मीडिया के सवाल पर बाल योगी संत उमेश नाथ ने कहा, मुझे खुद आप सभी लोगों के माध्यम से यह सूचना प्राप्त हुई है. मुझे पहले से इसके बारे में कुछ पता नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि मैं अभी-अभी अपने दैनिक पूजन पाठ आदि कार्यों से निवृत्त हुआ हूं और आप सभी लोगों से मुझे अपने राज्यसभा सांसद पद के लिए प्रत्याशी सूचना प्राप्त हुई है. 

बाल योगी संत ने कहा, जब भी महाकाल किसी को कोई जिम्मेदारी सौंपते हैं तो वे स्वयं उस कार्य को निभाते हैं. मेरे 60 वर्ष साधु और संन्यासी जीवन में बीत गए हैं और अब मुझे यह जब दायित्व मिला है तो मैं सत्य- निष्ठा, मन- वचन और कर्म से उसका निर्वहन करने का पूरा प्रयास करूंगा. देश के सभी साधु संतो से आशीर्वाद प्राप्त करूंगा और इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों से परामर्श लेकर मैं इसे अच्छे से निभाऊंगा. 

अमित शाह भी मिलने आ चुके 

राज्यसभा उम्मीदवार बने उमेश नाथ जी महाराज के जीवन की बात की जाए तो वह वाल्मीकि समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं और वह शख्स हैं जिनके पास संघ प्रमुख मोहन राव भागवत से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुख्यमंत्री और तमाम दिग्गज आशीर्वाद लेने भी आ चुके हैं. ऐसा भी सुनने में आया है कि पिछले सिंहस्थ कुंभ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संत उमेश नाथ जी महाराज के साथ समरसता नहान भी किया था. 

1964 की उम्र से साधु 

बाल योगी संत उमेश नाथ जी महाराज साल 1964 यानी बाल्यावस्था से साधु हैं. माता-पिता ने महायोगी श्री गोरक्षनाथ जी के धूनी पर जन्म लेने के बाद ही अपने बेटे को वहीं सौंप दिया था, तब से आज तक वे संन्यासी जीवन जी रहे हैं.   

8 राज्यों में राजकीय अतिथि रह चुके

योगी साल 1992 में 8 प्रांतों के राजकीय अतिथि रह चुके हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान में सबसे पहले राजकीय अतिथि का दर्जा प्राप्त हुआ है. ‘गौरव इंडिया अवॉर्ड’ से भी सम्मानित किया गया है. साथ ही तमाम अवॉर्ड प्राप्त हुए हैं. कर्मवीर अवॉर्ड, छत्तीसगढ़ अवॉर्ड, हरियाणा अवॉर्ड, समाज गौरव अवॉर्ड, राजस्थान अवॉर्ड उसी के साथ ‘अवध यूनिवर्सिटी समरसता अवॉर्ड से भी उन्हें सम्मानित किया गया है. वे देश विदेशों की यात्राएं भी करते हैं. आपका जीवन पूर्ण रूप से सादगी जीवन एवं सरल जीवन मधुर भाषी रहता है.

BJP के राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची.

उज्जैन में कराया ‘श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम’ का निर्माण 

अवंतिका पुरी उज्जैन में वाल्मीकि समाज के धर्म गुरु प्रातः स्मरणीय अनंत श्री विभूषित स्वामी सोहन दास जी महाराज की समाधि स्थल पर ‘श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम’ का निर्माण किया गया है. बाल योगी संत उमेश नाथ के आश्रम में खायियत है कि यहां गुरुकुल जैसी व्यवस्था है. पाश्चात्य सभ्यता का कहीं नामोनिशान नहीं मिलता है. इस स्थान को पावन पवित्र एवं मर्यादित सभ्यता में रखने के लिए बाल योगी उमेश नाथ जी का पूरा प्रयास रहता है. समाज के प्रत्येक अंग के लोग भी इनके विनम्र आदेश को स्वीकार करके आश्रम की व्यवस्था में संलग्न रहते हैं. इस आश्रम की आभा और चर्चा पूरे देश में फैल रही है.  

इस स्थान पर महाराज के पहुंचने के बाद 41 दिन में भूमि में से शिवलिंग प्रकट हुआ. जिसका नामकरण संस्कार कर कमलेश्वर वाल्मीकेश्वर महादेव रखा गया है. निकट ही बरगद का पेड़ और गंगा जी प्रकट हुई है. आश्रम पर लगभग 5 अखंड जोत जग रही है.अखंड धूनी, अखंड भंडारा, अखंड साधु संतों की सेवा चल रही है. अखंड आरती प्रार्थना पूजा निरंतर चालू रहता है. इसी के साथ इस स्थान पर देश की उच्च कोटि के संत शिरोमणि समाज सेवक, बड़े राजनेता प्रशासनिक अधिकारी सभी अपने स्तर पर पूज्य संत बाल योगी उमेश नाथ जी से आशीर्वाद प्राप्त करने तथा मार्गदर्शन लेने के लिए निरंतर आते रहते हैं. इस स्थान पर दलगत राजनीतिक से ऊंचे उठकर सभी का सम्मान किया जाता रहा है.

 

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