राजस्थान का कोटा कोचिंग हब के तौर पर जाना जाता है. मगर, बीते कुछ समय से यहां आत्महत्याओं के मामलों ने पुलिस और प्रशासन से लेकर सरकार को भी चिंता में डाल दिया है. इन मामलों को देखते हुए कई अहम कदम उठाए गए हैं. इसी बीच कोटा पुलिस को आज बड़ी सफलता मिली और एक जान बचाई गई.
दरअसल, कोटा पुलिस को शनिवार दोपहर उत्तर प्रदेश पुलिस से एक मैसेज मिला. इसमें कहा गया, कोटा में कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड करने वाला है. प्लीज, उसे बचा लीजिए. वो महाराष्ट्र के नासिक का रहने वाला है. कुछ दिन पहले कोटा आया है और उसका नाम….है. इस सूचना में नाम और पता मिला था.
स्टूडेंट किस कोचिंग में पड़ता है, कोटा में कहां रहता है, सुसाइड कहां और कैसे करने वाला है, ऐसा कोई इनपुट नहीं था. पुलिस महकमा अलर्ट हुआ. एसपी शरद चौधरी खुद फील्ड पर उतरे. उन्होंने अपने 4 एएसपी और डीएसपी को अलग-अलग टीमों में बांटा. बचाव का काम इस तरह करना था कि छात्र को पता भी न चले.
10 दिन पहले कोटा आया, रोजाना क्लास नहीं जा रहा था
सबसे पहले पुलिस ने नाम के आधार पर उसके एडमिशन और कोटा में रहने की जगह पता की. साथ ही ये भी पता चला कि 10 दिन पहले वो कोटा आया है और रोजाना कोचिंग क्लास में नहीं जा रहा है. टेक्निकल मदद से लोकेशन का पता लगाया जो अलग-अलग जगह आ रही थी.
कोटा पुलिस ने करीब 3 घंटे तक इलाकों का कोना-कोना छान मारा लेकिन वो नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने टेक्निकल मदद और अन्य सहायता लेकर उसकी हर गतिविधि को ट्रैक करना शुरू कर दिया. पुलिस का शक ऐसी बिल्डिंग पर गया, जहां उसके होने का अनुमान था. पुलिस की टीम वहां गई और छात्र मिल गया. वह सुसाइड की तैयारी में था. पुलिस अगर थोड़ी भी लेट होती तो शायद उसे नहीं बचा पाती.
वाराणसी पुलिस के साइबर सेल से हमें इनपुट मिला था- कोटा एसपी
इस मामले में कोटा सिटी एसपी शरद चौधरी ने बताया कि काफी प्रयास रहे लेकिन सुकून है कि छात्रा को सुसाइड करने से बचा लिया गया. यूपी में हुए एक सुसाइड केस की जांच के दौरान इनपुट मिला था कि कोटा में भी एक छात्र ऐसा कदम उठा सकता है. वाराणसी पुलिस के साइबर सेल से हमें इनपुट मिला था.
इसमें कहा गया था कि यूपी में एक बच्चे ने सुसाइड किया है. उसके मोबाइल से पता चला है कि कुछ सेंटेंस लिख रखे थे. उससे पता चल रहा था कि कोटा में भी छात्र आत्महत्या करेगा. हमने हमारी टीम तैयार की और सर्च ऑपरेशन चलाया गया और उसे बचा लिया गया. वो डिप्रेशन का शिकार था और गलत कदम उठाने जा रहा था.
इसके बाद प्रशासन ने उसकी काउंसलिंग की. उसे शनिवार रात भर नजर में रखा गया. ताकि वापस कोई गलत कदम नहीं उठा ले. उसके अभिभावकों को बुलवाकर काउंसलिंग की गई. फिलहाल अभिभावक अपने बेटे को लेकर चले गए हैं.
नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)