इन दिनों कई लोगों को ईडी के समन भेजे जा रहे हैं. चाहे वो दिल्ली के सीएम केजरीवाल हों, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हों या तमिलनाडु के किसान. कई नेताओं ने ईडी के समन की कई बार अवहेलना भी की है. अब हर बार समन शब्द सामने तो आ रहा है लेकिन क्या आपको पता है इसका मतलब क्या होता है, वहीं इस समन की अवहेलना करने पर क्या होता है. यदि नहीं तो चलिए आज जानते हैं.
क्या होता है समन?
दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 61 से लेकर 70 तक में इसे लेकर तमाम प्रावधान हैं. जिसमें समन को जारी किए जाने से लेकर उसे तामील किए जाने तक के तमाम प्रावधान शामिल हैं.
इसके तहत किसी न्यायिक प्रक्रिया में जारी किया गया सम्मन उसे प्राप्त करने वाले को ये सूचित करता है कि उसे किसी मुकदमे में अभियुक्त ठहराया गया है यानी उसपर आरोप लगा है या उसे न्यायालय में स्वयं को गवाह के रूप में प्रस्तुत होने का आदेश दिया गया है.
अब सवाल ये उठता है कि ईडी के द्वारा समन भेजा जाना किस कानून के तहत आया है. तो बता दें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) के सेक्शन 50 के तहत ईडी पूछताछ के लिए लोगों को समन भेज सकती है. इसके प्रावधानों के अनुसार, एनफोर्समेंट डायरेक्टररेट या ईडी के डायरेक्टर के पास जांच के उद्देश्य से सिविल कोर्ट की पावर होती है. यदि वो चाहें तो न्यायालय की हैसियत से जांच, ईडी के सामने उपस्थित होने, रिकॉर्ड और सबूत पेश करने के लिए आदेश दे सकते हैं.
ईडी के किस अधिकारी के पास होते हैं समन जारी करने के अधिकार
ईडी के डायरेक्टर, एडिशनल डायरेक्टर, जॉइंट डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर या असिस्टेंट डायरेक्टर के पास ये अधिकार है कि वो जांच के लिए जरूरी पाए जाने पर किसी को भी समन भेज सकते हैं और उनसे सबूत की मांग कर सकते हैं. इस एक्ट के तहत समन किए हुए लोगों को ईडी के सामने पेश होना अनिवार्य होता है.
समन की अवहेलना करने पर क्या है नियम?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कई बार ईडी के समन की अवहेलना कर चुके हैं तो अब सवाल ये खड़ा होता है कि समन की अवहेलना करने पर क्या नियम है. तो बता दें अगर कोई इस समन की अवहेलना करता है तो उसे 500 से 10,000 रुपए तक जुर्माना या 1 महीने कैद या दोनों ही सजा सुनाई जा सकती है.
अब आप ये सोच रहे होंगे कि क्या केजरीवाल, तेजस्वी यादव या हेमंत सोरेन को ईडी की गिरफ्तार कर सकती है? तो बता दें इसका जवाब इतना सीधा नहीं है. किसी को गिरफ्तार करने के लिए ईडी के पास दो रास्ते होते हैं. पहला ये कि वो समन की अवहेलना करने पर आईपीसी के सेक्शन 174 के तहत एक नया केस दायर करे. उस पर सुनवाई होगी और यदि कोर्ट संबंधित व्यक्ति को दोषी मानता है तो उसे एक महीने के कारावास की सजा सुनाई जा सकती है. हालांकि अपने 60 साल के अधिक के इतिहास में ईडी ने इस रास्ते को अपनाकर किसी को गिरफ्तार नहीं किया है.