भारत काफी समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता की मांग कर रहा है. इस मांग पर अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस भारत का समर्थन करते रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने भारत का मांग को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई से बात की है. उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनना जिम्मेदारियों से भरा है. भारत सरकार के लिए स्थाई सदस्य की जिम्मेदारियां क्षमताओं से परे नहीं है.”
उन्होंने कहा, “सबसे पहले तो मैं भारत को बधाई देना चाहता हूं कि वह संयुक्त राष्ट्र के स्थाई सदस्य बनने की महत्वकांक्षा रखता है, लेकिन इसके साथ आती हैं कई तरह की जिम्मेदारियां, जो मैं कह सकता हूं कि भारत सरकार की क्षमताओं के अधीन है.”
सुरक्षा परिषद में सुधार की आवाज उठाने वाला भारत
यूएनजीए अध्यक्ष ने कहा, “यह कब होगा, यह सवाल संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के लिए सुरक्षा परिषद के ऊपर है. उन्होंने कहा, मैं पहले भी कह चुका हूं, मैं दोबारा उस पर जोर देना चाहूंगा कि सुरक्षा परिषद में किसी तरह का सुधार कोई घटना नहीं है बल्कि यह एक सतत प्रकिया है. ”
गौरतलब है कि पिछले साल भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैर-स्थाई सदस्य के तौर पर अपना दो साल का कार्यकाल पूरा किया. दो साल के कार्यकाल के दौरान भारत परिषद में सुधार की आवाज उठाने वाला अग्रणी देशों में से एक था.
समाचार एजेंसी से बात करते हुए डेनिस फ्रांसिस ने कहा, “भारत ग्लोबल साउथ की उठती आवाज है. जी-20 में अफ्रीकी संघ का शामिल होना सच में एक निर्णायक पल था. ” इनपुट- एएनआई