संजय सिंह के खिलाफ 200 जीबी का डिजिटल सबूत… ED ने कोर्ट में किया दावा, 13 अक्टूबर तक बढ़ी रिमांड

नई दिल्ली : दिल्ली की विवादित शराब नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह 13 अक्टूबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कस्टडी में ही रहेंगे। आप नेता की रिमांड बढ़ाते हुए अदालत ने गौर किया कि हालिया छापेमारी में जांच एजेंसी को आरोपी के खिलाफ कुछ ऐसी चीजें मिलीं हैं जिनके संबंध में उससे हिरासत में गहनता से पूछताछ की जरूरत है। ईडी के दावों के मुताबिक, उसे लगभग 200 जीबी का ताजा डिजिटल एविडेंस मिला है, जिसका आकलन आरोपी की मौजूदगी में करना होगा। इसके अलावा उस गवाह से सिंह का आमना-सामना कराया जाना है जिसने न केवल पंजाब में कुछ शराब लाइसेंस देने में आरोपी की कथित भूमिका का जिक्र किया है, बल्कि दिल्ली में भी आर्थिक लाभ के बदले कुछ लाइसेंस देने में सिंह की कथित संलिप्तता के बारे में उसके करीबी साथी से पता चलने का जिक्र किया है।

परिजनों, वकीलों से मिल सकेंगे सांसद

इन तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर स्पेशल जज एम के नागपाल ने आरोपी सिंह की ईडी रिमांड तीन दिनों के लिए बढ़ा दी। संजय सिंह को अब 13 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया गया है। अदालत ने जांच अधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जितना भी डिजिटल डेटा है, उसका आकलन इस दौरान पूरा हो जाना चाहिए। इसी तरह जिन भी लोगों से आरोपी का आमना-सामना कराया जाना है, वो भी इस अवधि में ही खत्म करने का निर्देश है। जांच एजेंसी को हिदायत दी गई कि वह आरोपी से पूछताछ ऐसी ही किसी जगह पर करेगी, जो सीसीटीवी कैमरों से पूरी तरह कवर होगा। इस फुटेज को सुरक्षित रखा जाएगा। 5 अक्टूबर को आरोपी को पांच दिन की रिमांड पर भेजते हुए उसे जिन दवाओं को साथ रखने और परिजनों व अपने वकीलों से मुलाकात की जो छूट दी गई, उसका पालन अभी भी जारी रहेगा।

एनकाउंटर की जताई आशंका

सुनवाई के दौरान सिंह ने अपने एनकाउंटर किए जाने की आशंका जताई। इस पर अदालत ने जांच अधिकारी और ईडी के सीनियर अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह आदेशों के अनुसार आरोपी की हर पहलू से सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। मामले में ईडी का प्रतिनिधित्व स्पेशल काउंसिल जोहेब होसैन और स्पेशल पीपी एनके माटा ने किया। बचावपक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन ने दलीलें रखीं। हालांकि इसमें एडवोकेट फारुख खान व अन्य वकीलों का उन्हें पूरा सहयोग मिला।

सहयोग नहीं करने का आरोप

ईडी ने मंगलवार को दोपहर 2 बजे के आसपास आरोपी नेता को अदालत के सामने पेश किया और पांच दिन की रिमांड बढ़ाने की मांग की। दलील दी कि हिरासत के दौरान आरोपी ने बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया। उसके हाथ इस केस से जुड़े कुछ गुप्त दस्तावेज लगे हैं, जिनके सोर्स को जानने की आरोपी से कोशिश की गई थी। आरोपी अपने मोबाइल फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) तक पर साइन नहीं कर रहा है और न ही उससे जुड़े नंबरों को पहचान रहा है। वह अपने पिछले मोबाइल फोन तक के बारे में कुछ नहीं बता रहा है। उनसे कुछ ताजे साक्ष्यों के बारे में आगे की पूछताछ करनी है। हालिया छापेमारी में मिले डिजिटल साक्ष्यों और उनके मोबाइल फोन से मिले डेटा और डंप इेमेल का आंकलन अभी चल ही रहा है।

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