अमेरिकियों जरा भारत से सीख लो… एलन मस्‍क ने किसका उदाहरण देकर सबक लेने के लिए कहा?

नई दिल्‍ली: दुनिया के सबसे अमीर शख्‍स एलन मस्क ने अमेरिका में वोटों की गिनती में देरी पर सवाल उठाया है। टेस्ला के चीफ ने अमेरिका को भारत से सबक लेने के लिए कहा है। कैलिफोर्निया का जिक्र कर मस्‍क ने कहा कि वहां अभी तक वोटों की गिनती खत्म नहीं हुई है। दूसरी तरफ भारत में करोड़ों वोट सिर्फ एक दिन में गिन लिए जाते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘भारत ने एक दिन में 64 करोड़ वोटों की गिनती की। कैलिफोर्निया अभी भी वोटों की गिनती कर रहा है।’

दरअसल, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को दो हफ्ते से ज्‍यादा समय बीत चुका है। लेकिन, कैलिफोर्निया में अभी भी वोटों की गिनती चल रही है। वहीं दूसरी तरफ, भारत में इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद पिछले आम चुनाव में सिर्फ एक दिन में वोटों की गिनती पूरी कर ली गई थी।

वोटों की ग‍िनती में देरी से लोग नाराज

अमेरिका के कई राज्यों खासकर कैलिफोर्निया में चुनाव नतीजे आने में देरी को लेकर लोग पहले से ही नाराज हैं। कैलिफोर्निया में 2.2 करोड़ से ज्‍यादा रजिस्टर्ड वोटर्स हैं। ये पूरे अमेरिका में सबसे ज्‍यादा हैं।

मस्क ने यह बात ऐसे समय पर कही है जब डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को हराकर 295 इलेक्टोरल वोटों के साथ दोबारा राष्ट्रपति पद जीत लिया है। ट्रंप ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति की टीम बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। लेकिन, कैलिफोर्निया में अभी तक वोटों की गिनती पूरी नहीं हो पाई है।

क्‍यों हो रही है देरी?

कैलिफोर्निया में वोटों की गिनती बहुत ही सावधानी से की जाती है ताकि नतीजे बिलकुल सही और निष्पक्ष आएं। चुनाव के दिन जो नतीजे आते हैं, उनमें ज्‍यादातर उन्हीं लोगों के वोट शामिल होते हैं जो वोटिंग बूथ पर जाकर वोट देते हैं, पहले से वोट दे चुके होते हैं या फिर जिन्होंने चुनाव से पहले ही डाक से वोट भेज दिए होते हैं। लेकिन, कैलिफोर्निया के कानून के मुताबिक, अधिकारियों के पास नतीजों को अंतिम रूप देने के लिए पूरे 30 दिन का समय होता है। इस दौरान प्रोविजनल बैलट की जांच की जाती है, हस्ताक्षरों का मिलान किया जाता है और यह सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट भी होता है कि मशीनों ने वोटों की गिनती सही से की है या नहीं।

लंबी प्रक्रिया के समर्थकों का क्‍या तर्क?

इस व्यवस्था का समर्थन करने वालों का कहना है कि लंबी प्रक्रिया होने से यह सुनिश्चित होता है कि हर वोट की गिनती हो। अगर किसी ने चुनाव वाले दिन या उससे सात दिन पहले तक डाक से वोट भेजा है तो उस वोट की गिनती भी की जाती है। यहां तक कि अगर किसी के हस्ताक्षर में कोई गड़बड़ी है तो उसे ठीक करने के लिए नतीजे घोषित होने से दो दिन पहले तक का समय दिया जाता है।

मस्क ने जिस तरह से अमेरिका में वोटिंग सिस्टम पर सवाल उठाए हैं, उससे यह बहस छिड़ गई है कि क्या वाकई में अमेरिका को अपनी चुनाव प्रक्रिया को और तेज बनाने की जरूरत है। कैलिफोर्निया की प्रक्रिया भले ही धीमी हो, लेकिन उसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि नतीजे बिलकुल सही हों।

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