भारत के खिलाफ इस्‍लामिक मोर्चा बना रहा पाकिस्‍तानी दोस्‍त तुर्की? पहली विदेश यात्रा पर मालदीव के राष्‍ट्रपति

माले: मालदीव में सत्‍ता में आने के बाद लगातार भारत व‍िरोधी रुख अपनाए देश के नए राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मुइजू अब तुर्की की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। सत्‍ता में आने के बाद मालदीव के राष्‍ट्रपति की यह पहली व‍िदेश यात्रा है। इससे पहले मालदीव में अब तक का रिवाज था कि राष्‍ट्रपति बनने के बाद वे सबसे पहले पड़ोसी देश भारत की यात्रा पर जाते थे। यहां तक कि मोहम्‍मद मुइजू के करीबी मोहम्‍मद यामीन साल 2014 में राष्‍ट्रपति बनने के बाद अपने पहले व‍िदेशी दौरे पर भारत आए थे। बताया जा रहा है कि चीन समर्थक राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मुइजू आर्थिक सहायता को लेकर भारत पर से अपनी निर्भरता को घटाना चाहते हैं और यही वजह है कि वह तुर्की की यात्रा पर जा रहे हैं। यह वही तुर्की है जो मुस्लिम देशों का खलीफा बनना चाहता है और भारत के दुश्‍मन पाकिस्‍तान का खुलकर समर्थन करता है।

मालदीव के राष्‍ट्रपति तुर्की के बाद सीओपी 28 सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए यूएई जाएंगे जहां वह पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति से मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले वह यूएई की यात्रा पर गए थे और अबू धाबी फंड से 8 करोड़ डॉलर का लोन माले एयरपोर्ट प्रॉजेक्‍ट के लिए मांगा था। मोहम्‍मद मुइजू चाहते हैं कि देश में चल रहे प्रॉजेक्‍ट की वित्‍तीय फंडिंग के लिए भारत पर से निर्भरता को कम किया जाए। भारत ने मालदीव को 13 करोड़ 66 लाख डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट दिया था। अब यूएई से वित्‍तीय मदद मिलने के आश्‍वासन के बाद मालदीव को भारत से फिर से मदद की जरूरत नहीं होगी।

तुर्की कर रहा इस्‍लामिक राजनीति

यूएई में सीओपी 28 जलवायु परिवर्तन सम्‍मेलन के दौरान 30 नवंबर को पीएम मोदी भी वहां मौजूद रहेंगे। इस बात की बहुत कम संभावना है कि पीएम मोदी और मोहम्‍मद मुइजू के बीच पहली बार मुलाकात हो। इससे पहले मालदीव के आम चुनाव में भारत समर्थक सोलिह चुनाव हार गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि तुर्की भारत के खिलाफ नापाक चाल चल रहा है। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्‍बल कहते हैं, ‘तुर्की इस क्षेत्र में भारत विरोधी इस्‍लामिक राजनीति कर रहा है। इस्‍लामिक सांठगांठ के अलावा उसकी मालदीव में कोई रुचि नहीं है। मोहम्‍मद मुइजू अनावश्‍यक रूप से भड़काने में लगे हुए हैं।’

ऐसा पहली बार नहीं है जब तुर्की ने भारत के विरोधी देशों के साथ अपने संबंध मजबूत नहीं किए हों। इससे पहले तुर्की ने भारत के दूसरे सबसे बड़े दुश्‍मन पाकिस्‍तान को हथियार से लेकर हमलावर ड्रोन विमान तक दिए थे। तुर्की अपने सबसे घातक ड्रोन विमानों को पाकिस्‍तान को दे रहा है। तुर्की और पाकिस्‍तान दोनों मिलकर फाइटर जेट बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। यही नहीं तुर्की, अजरबैजान मिलकर कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान का खुलकर समर्थन करते हैं। इसी वजह से भारत अब आर्मीनिया के साथ अपने रिश्‍ते मजबूत कर रहा है।

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