ग्वालियर व्यापार मेला लोकगीतों का मुकाबला:लोकगीत सुनने और सुनाने के लिए ऐसी भीड़ शायद ही आपने देखी होगी

ग्वालियर: ग्वालियर व्यापार मेला के 121वें साल में 25 दिसंबर को कन्हैया लोकगीत का भव्य मुकाबला हुआ। इस मुकाबले में 50 से अधिक गांवों की गायन टोलीयों ने हिस्सा लिया, जिसमें 8 से 10 हजार ग्रामीणों ने उत्साह के साथ अपनी आवाजें मिलाईं।

लोकगीतों का यह मुकाबला उस समय ऊंचाई पर पहुंचा जब तारागंज की टोली ने ‘‘कंचन जड़ित रत्न शुभ दान गऊ दान, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, रघुवंशिन के करम खुल जाते’’ सुनाया। मेला मैदान पर मौजूद 8 से 10 हजार श्रोता लोक गायकों का उत्साह बढ़ाते हुए लोगीतों का भरपूर आनंद ले रहे थे।

400 गांव के 35 हजार लोग थे इकट्ठा

असल में ये कार्यक्रम लोकगीत कन्हैया गायन के नाम से आयोजित होता है, जो मूलरूप से पाल बघेल समाज द्वारा आयोजित किया जाता है. कार्यक्रम के आयोजक राजू सागर कहते हैं कि, ”इस कार्यक्रम का आयोजन उनके सागर परिवार के द्वारा किया जाता है. इसे किसी मुकाबले की तरह नहीं बल्कि त्योहार की तरह देखते हैं. हर साल इसका बेसब्री से सभी को इंतजार रहता है. इस साल भी ग्वालियर चम्बल अंचल के लगभग 400 गांव से 35, 000 लोग इसमें शामिल हुए और लगभग 50 से 60 टोलियों के बीच लोक गीत गायन हुआ.”

1903 से हर साल हो रहा आयोजन

पाल बघेल समाज के जिलाध्यक्ष चौधरी राकेश पाल ने बताया कि, ”हर साल इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक गीत जो देसी भाषा में हमारे अपने गीत होते हैं उनका गायन किया जाता है. यह इस साल 121वां कार्यक्रम था, इसकी शुरुआत पाल बघेल समाज के बुज़ुर्गों द्वारा साथ 1903 में किया गया था. तब से ही यह निरंतर जारी है. यह कार्यक्रम हर साल 25 दिसंबर के दिन ग्वालियर व्यापार मेले में आयोजित किया जाता है. इसके लिए किसी प्रकार का कोई आमंत्रण नहीं दिया जाता लोग स्वेच्छा से यहां पहुंचते हैं. जब एक टोली अपना गायन पूरा करती है तो दूसरा उसका जवाब देने के लिए गाती है.”

2469000 13 total views , 45 1 views today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *