इस्लामाबाद: भारत और रूस के रक्षा समझौते से जुड़ी एक खबर हाल में सामने आई है। भारत ने रूस के साथ रक्षा उपकरणों के ऑर्डर में कमी करते हुए पश्चिमी आपूर्तिकर्ताओं की तरफ रुख किया है। ये भारत की नीति में एक बड़ा बदलाव है क्योंकि परंपरागत रूप से नई दिल्ली हथियारों के लिए मॉस्को पर निर्भर रही है। भारत की इस शिफ्ट पर दुनिया का भी ध्यान गया है। पाकिस्तान के राजनीतिक टिप्पणीकार कमर चीमा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत की तारीफ की है और कहा है कि ये बदलाव बहुत अहम है।
कमर चीमा ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, ‘भारत और रूस के बीच के कुछ रक्षा समझौतों में देरी हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि रूस खुद यूक्रेन से युद्ध में उलझा है। ऐसे में वह भारत को टाइम से हथियार नहीं दे पा रहे हैं और इससे भारत खुश नहीं है। ऐसे में भारत ने हथियारों के लिए पश्चिम और अमेरिका की तरफ रुख कर लिया है।’
भारत सभी दरवाजे खोलकर चल रहा है’
चीमा ने आगे कहा, ‘इंडिया ने बड़े पैमाने पर अमेरिका की तरफ झुकाव दिखाया है। इस पर रूस का भी ध्यान बना हुआ है। रूस का ध्यान जाना स्वभाविक भी है क्योंकि इंडिया उनसे ही ज्यादातर हथियार खरीदता रहा है लेकिन बीते कुछ सालों में अमरिका ने भारत के लिए दरवाजे खोले हैं तो दिल्ली भी चारों तरफ देख रहा है। ऐसे लगता है कि भारत कोई भी दरवाजा बंद नहीं करना चाहता है। वह युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहता है।’
पाकिस्तान के चीमा कहते हैं कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लगता है कि भारत पुराने रिश्तों के लिए उनके साथ ही आगे बढ़ता रहेगा। पुतिन ये कोशिश करते भी हैं कि भारत अमेरिका की तरफ ना जाए लेकिन सच ये है कि भारत सिर्फ अपना फायदा देखेगा। वह अमेरिका से भी सप्लाई ले रहा है लेकिन वह जानता है कि आने वाले समय में अमेरिका तंग कर सकता है। इसलिए रूस से भी रास्ता बंद नहीं कर रहा है। भारत को लगता है कि फिलहाल जिससे जो भी मिल रहा है, उसे ले लिया जाए।
रूस और अमेरिका के हथियारों की तुलना पर चीमा ने कहा कि रूस से हथियार एक हद तक सस्ते मिलते हैं लेकिन भारत बहुत देरी नहीं चाहता है। यूक्रेन युद्ध की वजह से उसके कुछ हथियार रूस में अटके हुए हैं। वह ये नहीं चाहता कि रूस से सौदे लटके रहें। ऐसे में उसने अपनी नीति बदलते हुए अमेरिका की तरफ शिफ्ट कर दिया है। हालांकि रूस से भारत रूस से तेल ले रहा है और वह रिश्ते किसी से भी खराब नहीं कर रहा है।