पलवल: बांग्लादेश की रोहिंग्या मुस्लिम महिलाएं झारखंड और पश्चिम बंगाल में फर्जी आधार कार्ड बनवाकर दिल्ली और हरियाणा में आवासीय जमीन खरीद रही हैं। जेवर एयरपोर्ट के नजदीक पलवल जिले की सीमा से सटे गांव नंगलिया, बागपुर, झुप्पा, सोलड़ा में छोटे-छोटे प्लॉट खरीदे जा रहे हैं। समाधान शिविर में डीड राइटर की तरफ से रजिस्ट्री नहीं करने की शिकायत की गई तो यह मामला उजागर हुआ। इसे लेकर डिप्टी कमिश्नर डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने जांच के निर्देश जारी कर दिए।
समाधान शिविर में डीड राइटर ने कहा है कि इन महिलाओं की रजिस्ट्री नहीं की जा रही। जबकि उनके पास पर्याप्त डॉक्युमेंट हैं। डॉक्युमेंट की जांच कर उन्होंने जो जमीन खरीदी है, उसका रजिस्ट्रेशन करवाया जाए। इस शिकायत पर डिप्टी कमिश्नर डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि आप बांग्लादेश महिलाओं की रजिस्ट्री करवाने के लिए आए थे। डीड राइटर ने कहा है कि गवाह नंबर एक और दो के साथ-साथ उनके पास भारत सरकार का आधार कार्ड है। इन्हीं डॉक्युमेंट पर रजिस्ट्री की जाती है।
जांच के आदेश दिए
डिप्टी कमिश्नर ने इस मामले की जांच के निर्देश जारी करते हुए कहा कि आधार कार्ड फर्जी बनवाए हुए हैं। तहसीलदार प्रेम प्रकाश ने बताया कि समाधान शिविर में आई शिकायत की जांच करवाई जाएगी। जांच के लिए एसपी चंद्रमोहन को पत्र लिखा गया है। जानकारी के अनुसार बंगलादेशी रोहिंग्या महिलाएं झारखंड और पश्चिमी बंगाल में फर्जी आधार कार्ड बनवाकर दिल्ली और हरियाणा में रह रहे हैं।
30 से 50 गज जमीन के छोटे-छोटे प्लॉट खरीद रहे
जेवर एयरपोर्ट के नजदीक प्रापर्टी डीलरों से 30 से 50 गज जमीन के छोटे-छोटे प्लॉट खरीद रहे हैं। प्लॉटों के साल 2022-23 में एग्रीमेंट रजिस्टर्ड किए गए। प्रापर्टी डीलरों ने बडे स्तर पर बंगलादेशी महिलाओं के नाम एग्रीमेंट किए हुए हैं। इन महिलाओं के पास दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी के पते पर भी आधार कार्ड बनाए गए हैं। इन महिलाओं का सोशल मीडिया पर एक विडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें कह रही है कि वे दिल्ली में रहती हैं और उनके माता-पिता व अन्य परिजन बांग्लादेश में रहते हैं।
तहसीलदार ने एसपी को लिखा पत्र
तहसीलदार प्रेमप्रकाश ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एसपी चंद्रमोहन को जांच के लिए पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि बांग्लादेशी महिलाओं ने जेवर एयरपोर्ट के नजदीक पलवल तहसील के गांव नंगलिया, बागपुर, झुप्पा, सोलडा व आसपास के गांवों में प्रापर्टी डीलरों से छोटे-छोटे प्लाटों का एग्रीमेंट किया हुआ है। शुक्रवार को तीन-चार महिलाएं रजिस्ट्री के लिए आई लेकिन संदेह होने के चलते रजिस्ट्री नहीं की गई। आधार कार्ड, गवाह नंबर एक और दो के साथ जमीन बेचने वाले, प्रापर्टी डीलर तथा एग्रीमेंट लिखने वालों की भी जांच की जाए।