वॉशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की गिनती शुरू हो गई है. जो पहला नतीजा सामने आया है, वो बेहद चौंकाने वाला है. इस पहले नतीजे से यह भी जाहिर होता है कि डेमोक्रेट कैंडिडेट कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुकाबला कितना कड़ा है.
दरअसल, न्यू हैम्पशायर के डिक्सविल नॉच में 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के पहले वोट की गिनती में एक दिलचस्प मोड़ आ गया है. यहां पर डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों प्रमुख उम्मीदवारों के बीच वोटों में समानता देखी जा रही है. कलमा हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच वोट 3-3 से बंट गए, जो कि डिक्सविल नॉच के इतिहास में ट्रंप के लिए सबसे ज्यादा वोट हैं.
2016 में डिक्सविल नॉच में ट्रंप को केवल 2 वोट मिले थे, जबकि हिलेरी क्लिंटन को 4 वोट मिले थे. वहीं, 2020 में जो बाइडन ने ट्रंप को 5-0 से हराया था. इस छोटे से गांव में हुए वोटों की गिनती आमतौर पर राष्ट्रीय चुनावों के लिए एक प्रारंभिक संकेत मानी जाती है, हालांकि इसका प्रभाव अधिक नहीं होता है, लेकिन फिर भी यह एक दिलचस्प टेन्डेंसी दिखाती है.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) के लिए दौड़ वास्तव में अभूतपूर्व रही है.
अपने चुनाव प्रचार अभियान के अंतिम दिनों में उपराष्ट्रपति हैरिस ने आशा, एकता, आशावाद और महिला अधिकारों के संदेश पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि ट्रंप डेमोक्रेटिक पार्टी की अपनी प्रतिद्वंद्वी पर निशाना साधने में उग्र रहे और उन्होंने यहां तक कहा कि हार की स्थिति में वह चुनाव परिणाम को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. कुल मिलाकर हैरिस (60) और ट्रंप (78) दोनों के लिए यह उतार-चढ़ाव भरा चुनावी सफर रहा है.
ट्रंप को मार्च में अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए नामांकन मिला और जुलाई में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (आरएनसी) में औपचारिक रूप से उन्हें नामांकन हासिल हुआ. कई अदालती मामलों के कारण महीनों तक राजनीतिक निष्क्रयता के बाद यह उनकी ऐतिहासिक वापसी थी. इस तरह, वह किसी गंभीर अपराध में दोषी ठहराए जाने के बाद विश्व के किसी भी देश में शीर्ष पद के लिए नामांकन पाने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति बन गए.