अखिलेश यादव के सहयोगी ने कांग्रेस को बताया ‘अजगर’, सपा को लेकर किया बड़ा दावा

लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में सियासी हलचल तेज हो गई है. इस बीच महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने कांग्रेस को लेकर बड़ा बयान दिया है और सपा को छोटे दलों के साथ गठबंधन करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अजगर है वो छोटे दलों को निगल जाएगी, इसलिए सपा को कांग्रेस से प्री-पोल अलायंस नहीं करना चाहिए. 

केशव देव मौर्य ने एक निजी यूट्यूब चैनल से बात करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को सलाह दी कि वो कांग्रेस से प्री पोल गठबंधन न करें. उन्होंने कहा कि सपा को कांग्रेस से प्री पोल की बजाय पोस्ट पोल अलायंस करना चाहिए, इसकी वजह ये है कि 2017 में जब सपा और कांग्रेस का गठबंधन हुआ था, तो कांग्रेस ने करीब 115 या 117 सीटें ली थी और सारी हार गई थी. इसका सपा को भी नुकसान हुआ और 47 सीटों पर जीत मिल पाई. 

केशव देव मौर्य ने अखिलेश को सुझाया नया गणित
केशव देव मौर्य ने कहा कि सपा अगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन करेगी तो उसे लोकसभा की सीटें ज्यादा नहीं निकलेगी, कांग्रेस कम सीटें तो लेगी नहीं है. यूपी में कांग्रेस की हैसियत एक लोकसभा और दो विधानसभा की है, लेकिन कांग्रेस मानेगी नहीं कि उसका दो पर्सेंट वोट बैंक है. बड़ी पार्टी है, कम से कम 20-25 सीटें लेगी. इतनी सीट लेने के बाद सारी सीट हार जाएगी, क्योंकि उसका यूपी में कोई संगठन तो नहीं है. इसका फायदा बीजेपी को होगा

कांग्रेस को बताया अजगर
महान दल के नेता ने कहा कि इस बार बसपा चुनाव में ज्यादा कुछ नहीं कर रही है. पिछली बार की तरह सपा गठबंधन और बीजेपी गठबंधन के बीच आमने-सामने का मुकाबला होगा. सपा और बीजेपी के साथ जहां कांग्रेस कमजोर होगी वहां की सारी सीटें बीजेपी जीत जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर सपा छोटे दलों के साथ आती है और पूरे धैर्य व रणनीति के साथ बीजेपी का मुकाबला करती है तो छोटे दलों के साथ आसानी से 40-50 सीटों जीत सकती है. 

केशव देव ने कहा कि कांग्रेस अजगर है वो सारे क्षेत्रीय दलों को निगल जाएगी, क्षेत्रीय दलों को समाप्त कर देगी. बीजेपी और कांग्रेस में कोई अंतर नहीं है. दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के मामले में कांग्रेस बीजेपी से ज्यादा खराब है. जातीय जनगणना कांग्रेस ने रोकी, मंडल आयोग कांग्रेस ने लागू नहीं किया वीपी सिंह ने लागू किया. वो नेताजी मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव और बहन मायावती जी के दबाव में लागू किया गया था. 

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